- त्रिपुंड अर्पित कर बाबा महाकाल का रुद्राक्ष की माला और ड्रायफ्रूट से श्रृंगारित किया गया
- बाबा महाकाल का त्रिपुंड, त्रिनेत्र, चंद्र सहित भांग अर्पित कर श्रृंगार
- महाकाल मंदिर में सोमयज्ञ की तैयारी
- भस्मआरती में बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक लगाकर श्रृंगार किया गया
- महाकाल मंदिर में चल रहे फायर सेफ्टी सिस्टम कार्य की सुरक्षा जांच करने पहुंची टीम
3 छोटी-छोटी कहानियां, ये किसी की भी सोच को दे सकती हैं एक नई दिशा
(1) भगवान बुद्ध का अंत समय आ चुका था। सभी शिष्य एकत्र हुए। अपने शिष्यों के लिए उनका अंतिम संदेश था। हे मित्रों। जब तक तुम सभी संयमी होकर मित्रभाव से रहोगे, एक साथ मिल बांट कर खाओगे और धर्म के रास्ते पर मिल कर चलोगे। तब तक बड़ी से बड़ी विपत्ति आने पर भी तुम नहीं हारोगे, लेकिन जिस दिन तुम संगठित न होकर बिखर कर रहने लगोगे, पराजित हो जाओगे। संगठन में अपार शक्ति है।
(2) इतिहास बताता है कि विश्व विजेता बनने के कगार तक पहुंचने वाले वीर नेपोलियन ने अपनी युवावस्था में लगातार आठ वर्ष तक लेखक बनने की कोशिश की। हर बार उसे असफलता हाथ लगी, उसने रणक्षेत्र में अपनी प्रतिभा आजमाने का निश्चय किया। एक साधारण सैनिक से जीवन आरंभ कर अपनी क्षमता, प्रतिभा व साहस के बल पर वह अपने देश का ही नहीं, अन्य देशों का भी भाग्य विधाता बन गया। किसी को भी असफलता मिलने पर निराश होकर बैठना नहीं चाहिए। किसी न किसी क्षेत्र में सफलता मिलेगी जरूर। बस प्रयासरत रहना चाहिए।