आखिर क्यों हर बार नर्मदा का पानी शिप्रा में आने से रुक जाता है ?

उज्जैन | नर्मदा शिप्रा लिंक योजना पर करीब ४३५ करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद भी जरूरत अनुसार नर्मदा का पानी क्यों नहीं मिल पाता। इस कारण त्योहार, पर्व स्नान व अन्य अवसरों पर शिप्रा खाली ही रहती है। जलीय जीव मर रहे हैं और मुख्य घाटों पर दुर्गंध से लोगों में रोष है। विधायक मोहन यादव ने शुक्रवार को विधानसभा में इस तरह का ध्यानाकर्षण लगाया। इसके कुछ ही घंटों बाद देवास स्थित शिप्रा डैम से नर्मदा का पानी छोडऩे के निर्देश हुए और निगम ने शिप्रा के भूखी माता डैम कागेट खोलकर गंदा पानी आगे निकाला।
१८ मार्च को नववर्ष प्रतिपदा है। इससे पहले शिप्रा का जल स्वच्छ रहे व हर बार विशेष त्योहारों पर ये स्थिति ना बने इसके लिए विधायक यादव ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया। विधानसभा में इस पर चर्चा हुई और अन्य विधायकों ने भी समर्थन दिया। विस अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि अब जब भी जिला प्रशासन मांग रखे, नर्मदा जल शिप्रा में छोड़ा जाए ताकी शिप्रा प्रवाहमान व शुद्ध रह सकें। हालांकि मंत्री लालसिंह आर्य ने परियोजना के संचालन पर उठे सवालों को खारिज कर अब तक नर्मदा से दिए पानी का उल्लेख किया।

ध्यानाकर्षण के ४ घंटे बाद खोले गेट
विस में ध्यानाकर्षण पर दोपहर १२.३० बजे चर्चा हुई। वहां से कलेक्टर को निर्देश मिले। इस पर निगम प्रशासन ने अपराह्न ४.३० बजे भूखी माता के समीप स्टॉप डैम के गेट खोले और यहां जमा गंदा पानी आगे निकाला। अब देवास से आने वाले नर्मदा के शुद्ध पानी से शिप्रा का आंचल भरा जाएगा।

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