महाकाल में नई परंपरा…राज्यसभा सांसद ने अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया

उज्जैन | महाकालेश्वर मंदिर में अब जनप्रतिनिधियों की ओर से राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करने का मामला सामने आया है। मंदिर में किसी जनप्रतिनिधि को अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने की व्यवस्था नहीं है। बावजूद इसके राज्यसभा सांसद सत्यनारायण जटिया ने मंदिर के लिए अपने कार्यकर्ता को प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया। इसके लिए बकायदा एक पत्र मंदिर प्रशासक को भेजा गया है।

प्रतिनिधि नियुक्त
निर्वाचित जनप्रतिनिधि की ओर से शासकीय विभाग, संस्थानों के विभिन्न कार्यों, गतिविधियों और बैठकों में समन्वय के लिए अस्थायी रूप से प्रतिनिधि नियुक्त करने की व्यवस्था है। इस बीच पांच बार लोकसभा सदस्य और वर्तमान में राज्यसभा सदस्य सत्यनारायण जटिया ने समर्थक सुनील शर्मा को महाकाल मंदिर के कार्य और समन्वय के लिए प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया है। जटिया के कार्यालय से मंदिर प्रबंध समिति को पत्र भी भेजा है। संभवत: पहली बार हुआ है, जब किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने मंदिर के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया हो। मंदिर से जुड़े अधिकारियों का कहना है मंदिर में किसी जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि नियुक्त करने की कोई व्यवस्था नहीं है। यदि ऐसा है तो गलत परंपरा शुरू हो रही है। इसके बाद अन्य जनप्रतिनिधि भी अपने प्रतिनिधि नियुक्त करेंगे, जिससे मंदिर में वीआईपी कल्चर के साथ व्यवस्था बिगड़ेगी।

इधर, प्रतिनिधि का अधिकारी से विवाद भी
सांसद जटिया की ओर से बनाए गए प्रतिनिधि सुनील शर्मा का मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी से विवाद भी हो गया। बताया जाता है कि प्रतिनिधि ने फोन लगाकर अपने कुछ लोगों के प्रवेश की व्यवस्था करने को कहा था। अधिकारी ने समय से पूर्व सूचना नहीं देने का हवाला दिया। इस पर सांसद प्रतिनिधि ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी से विवाद भी किया।

इसलिए नियुक्ति
सांसद के लोगों को मंदिर में भस्म आरती करवाना। त्योहार विशेष पर समर्थकों को दर्शन करवाना। मंदिर की अन्य गतिविधियों में हस्तक्षेप। (जैसा मंदिर अधिकारियों ने बताया)

हां, बनाया है प्रतिनिधि
महाकाल मंदिर के लिए सुनील शर्मा को सांसद सत्यनारायण जटिया का प्रतिनिधि बनाया है। इसके लिए मंदिर समिति को पत्र भेजा है।
– राजेंद्र खेड़कर, निज सहायक, राज्यसभा सदस्य स्थानीय कार्यालय

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