पहली बार अष्टमी पर चौबीस खंभा माता को चढ़ी मदिरा, शुरू हुई नई परंपरा

उज्जैन | चैत्र की महाअष्टमी पर रविवार को पहली बार चौबीस खंभा माता को मदिरा की धार चढ़ी। श्री निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्रपुरी महाराज, ऊर्जा मंत्री पारस जैन और पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने मातारानी को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा की शुरुआत की।

पूजा सुबह 8 बजे हुई। मां महालया और महामाया के पूजन के लिए साधु-संत सहित आमजन बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचे। उन्होंने मातारानी को चुनरी ओढ़ाई, बड़बाकल का भोग लगाया और देश में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। इसके बाद हरसिद्धि, गढ़कालिका, नगर कोट, भूखी माता, बिजासन माता सहित 40 मंदिरों में पूजन हुआ।

करीब 26 किमी की यात्रा कर पूजन विधि 12 घंटे में पूर्ण हुई। मालूम हो कि अब तक नगर पूजा की परंपरा शारदीय नवरात्रि में ही थी, मगर इस बार निरंजन अखाड़े के महंत की इच्छा पर चैत्र की नवरात्रि में भी यह पूजन किए जाने की शुरुआत की गई। रविवार की पूजा में बस फर्क था तो इतना था कि पूजा में कलेक्टर या उनका कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए।

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