कायाकल्प में उज्जैन की लंबी छलांग, पहले पायदान पर

उज्जैन | शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री ने कायाकल्प प्रतियोगिता के विजेता हमारे जिला अस्पताल को पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर सिविल सर्जन को अस्पताल में मरीजोंं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए १५ लाख की इनाम राशि प्रदान की गई। बीते ६ महीने में सबसे तेज गति से अस्पताल की व्यवस्था और मरीजों को दी जाने वाली उपचार में सुविधाओं को बढ़ाने के चलते ये पुरस्कार प्रदान किया गया। यानि हर तीन दिन में जिला अस्पताल शिखर की ओर एक कदम बढ़ाते हुए विजेता बना।

शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने भोपाल में आयोजित कायाकल्प के विजेता जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राजू निदारिया को पुरस्कार प्रदान किया। बीते वर्ष हुई कायाकल्प प्रतियोगिता में जिला अस्पताल ४९वें पायदान पर रहा था। इस पर अस्पताल प्रबंधन को स्वास्थ्य मुख्यालय की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी। अस्पताल की व्यवस्थाओं में प्रदेश में सबसे तेज गति से बदलाव के चलते ये इस पुरस्कार से अस्पताल प्रबंधन को नवाजा गया। दूसरे पायदान पर टीकमगढ़, तीसरे पर खंडवा अस्पताल रहा।

इन बदलावों ने बनाया विजेता

  • क्वालिटी एश्योरेंस प्रोग्राम के तहत पैथालॉजी और ब्लड बैंक को एक ही स्थान पर शिफ्ट किया गया। पहले ये दोनों अलग-अलग भवन में संचालित किए जाते थे, जिसके चलते मरीजों को परेशानी का उठाना पड़ती थी।
    ब्लड पैथालॉजी लैब में की जाने वाली जांचों की संख्या बढ़ाई गई है। वर्तमान में करीब २७ प्रकार की जांचें ब्लड बैंक में की जाती है, जिनकी संख्या पूर्व में १८ थी।
  • इसी प्रोग्राम के तहत पैथालॉजी में पानी, टंकियों की धुलाई और मरीजों को स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध करवाया गया।
  • मरीजों को कम समय में बेहतर उपचार उपलब्ध हो इसके लिए सभी वार्डों में वर्षों से एक ही वार्ड में पदस्थ नर्सिंग स्टाफ और मैट्रन में फेरबदल किए गए, ताकि व्यवस्थाओं में कसावट आए।
  • सुपर हॉस्पिलिटी के तहत एनीमिया से ग्रसित गंभीर घायल और मरीजों के ऑपरेशन के लिए वेसल सेलर विथ बॉयोप्लर कॉट्री मशीन लाई गई। ९ लाख की लागत से चरक और जिला अस्पताल में ये मशीन स्थापित की गई
  • इसके जरिए ऑपरेशन में कम समय और कम रक्त स्त्राव से ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
  • हृदयघात और गंभीर मरीजों को तुरंत या घटनास्थल से ही उपचार कराने के लिए दो एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस संचालित की जा रही है।
  • दवाइयों की संख्या २५० से बढ़ाकर ३६० की गई है।
  • सफाई के लिए जिला अस्पताल ने जिले के सभी अस्पतालों को पछाड़ते हुए अव्वल रहा।

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