करोड़ों का घोटाला करने वालों की संपत्ति कुर्क करना ही भूल गए अफसर …!

उज्जैन | भोले भाले लोगों को बड़े सपने दिखाकर करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाली चिटफंड कंपनी की संपत्ति कुर्क करना ही प्रशासनिक अफसर भूल गए हैं। यह मामला उस समय सामने आया जब मंगलवार को कलेक्टर संकेत भोंडवे की जनसुनवाई में शिकाय पहुंची। एक अभिभाषक ने लिखित शिकायत कर कहा है कि तहसीलदारों द्वारा कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। सरकार के अफसर कार्रवाई करने की जगह कंपनी के अफसरों की मदद कर रहे।

डिवाइन वेली निवासी अभिभाषक विकास सिंह ने मंगलवार को जनसुनवाई में शिकायत प्रस्तुत की कि आरोग्य धन वर्षा एंड एलाइड कंपनी का दफ्तर एसएस हॉस्पिटल के सामने था। कंपनी ने लोगों के करोड़ों रुपए डकार लिए। बाद में तत्कालीन एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने चिटफंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था। इस पर साईंनगर और नागझिरी स्थित पूजा परिसर में कंपनी के दो मकान कुर्क करने का वारंट जारी किया गया था। बाद में यह कार्रवाई फाइलों के अंबार में दब गई और कुर्की की कार्रवाई हवा-हवाई हो गई। अब तक कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। दूसरी ओर कंपनी ने मकानों से कुर्की वारंट का कागज भी हटा दिया है। घट्टिया व बड़नगर में भी कंपनी की जमीन को कुर्क करने का आदेश दिया गया था। इन मामलों में भी तहसीलदारों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

जगह-जगह करोड़ों की संपत्ति

आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स एंड एलाइड कंपनी के संचालक रघुवीरसिंह राठौर, धर्मेंद्रसिंह सोनगरा, जगदीशचंद्र व्यास, कराड़िया, राजेंद्रसिंह सिसौदिया, महमूद हुसैन मंसूरी व अंजनाकुंवर पति रघुवीरसिंह के पूजा परिसर व सांई नगर में मकान हैं। इसके अलावा चिंतामन जवासिया में जमीन है। कस्बा उज्जैन, हरनावदा (बड़नगर) और डाबरी (घट्टिया) में भी कीमती जमीनें हैं। इन जमीनों को कुर्क करने की कार्रवाई भी नहीं की जा रही। अभिभाषक विकास सिंह ने आरोपित किया है कि प्रशासनिक अफसर कार्रवाई करने की जगह कंपनी के संचालकों की मदद कर रहे हैं। यही कारण है कि कुर्की वारंट जारी होने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही। नियमानुसार 15 दिनों के अंदर संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए थी। वह भी दर्ज नहीं हो सकी।

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