सस्ते आवास तैयार करने में निगम फिसड्डी… बिगड़ गई भोपाल तक छवि

उज्जैन | प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रोजेक्ट पूरा करने में नगर निगम फिसड्डी साबित हो रहा है। आगर रोड कानीपुरा में निर्माणाधीन मल्टी का काम काफी धीमा चल रहा है। जिस समय तक ४३६ में ये आधे आवास बनकर तैयार हो जाना थे, तब तक केवल प्लींथ लेवल काम ही हुआ है। काम में लेटलतीफी के चलते भोपाल तक निगम की छवि खराब हो रही है। जुलाई २०१७ में निगम ने गुजरात की ओमिनी प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड को वर्क ऑर्डर दिया था। १० माह में कंपनी का वर्क परफॉर्मेंस बहुत खराब है।
केंद्र सरकार से ४७ करोड़ रुपए मंजूर होने के बाद भी आवास के इच्छुक लोगों को समय से लाभ नहीं मिल पा रहा। कानीपुरा क्षेत्र के एक छोटे से भाग पर छत डाली गई है। बाकी सभी जगह प्लींथ लेवल पर ही काम चल रहा है। जबकि इस अवधि तक आधे मकान बनकर तैयार हो जाना थे। ठेकेदार कंपनी साइट पर ठीक से ध्यान नहीं दे पा रही। इसके चलते आवासहीनों को समय पर योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।

कंपनी को नोटिस, लेकिन कोई असर नहीं
नगर निगम प्रशासन ने कानीपुरा साइट पर धीमे काम को लेकर कुछ दिनों पहले गुजरात की ओमिनी कंपनी प्रबंधन को नोटिस भी जारी किया था, लेकिन प्रबंधन पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ। काम की गति जैसी थी लगभग वैसी ही है। जबकि शासन के निर्देश हैं कि जो एजेंसियां समयावधि में प्रोजेक्ट पूरे नहीं करे, उन पर सख्ती से पेनल्टी लगाओ, लेकिन निगम अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया।

मॉडल हाउस का इंतजार, बुकिंग शुरू नहीं
केंद्र की गाइडलाइन अनुसार अफोर्डेबल आवास स्कीम में लोग मकान बुकिंग कर सके, इसके लिए साइट पर एक मॉडल हाउस तैयार किया जाएं, लेकिन निगम अधिकारी अब तक ये भी नहीं करवा सके। अब दावा है कि जून अंत तक एक मॉडल हाउस बना लेंगे, ताकि लोग इसे देखकर बुकिंग करवा सके। साइट पर स्लो काम के कारण निगम ने तीनों साइज के आवासों के लिए बुकिंग भी शुरू नहीं की है। ना ही इनकी लागत तय की है।

… और इधर डूबत क्षेत्र में आवास
पीएम आवास के दूसरे घटक का काम मंछामन नगर के पास चल रहा है। निर्माणाधीन स्थल डूबत क्षेत्र में आता है, बावजूद अधिकारियों ने यहां पीएम आवास स्कीम लांच कर दी। जमीन निचली व भराव की होने से इसकी खुदाई व फाउंडेशन वर्क में लागत भी डेढ़ गुना तक पहुंच रही है। ऐसे में गरीब लोग महंगे इडब्ल्यूएस भवन कैसे खरीद पाएंगे। प्लानिंग अनुसार यहां की १.७१ हेक्टेयर भूमि पर जी प्लस थ्री में २८० फ्लैट बनना है। पीएम आवास के इस प्रोजेक्ट को लेकर संबंधित जोन अध्यक्ष, पार्षद व अन्य जनप्रतिनिधि आपत्ति दर्ज करा चुके हैं, लेकिन निगम अधिकारियों ने इन्हें अनसुना कर काम शुरू करा दिया। फिलहाल भूमि को ठोस बनाने के लिए खुदाई का काम चल रहा है। शांतिनगर के पिछला भाग होने से बारिश के दिनों में यहां दो मंजिला तक पानी भर जाता है।

 

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