मरीज को दे रहे थे इलेक्ट्रिक शॉक, स्पार्किंग से ऑक्सीजन मॉस्क में लगी आग, मौत

उज्जैन। आरडी गार्डी अस्पताल में भर्ती एक मरीज की बुधवार को मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया और पुलिस से प्रकरण दर्ज कराने की मांग की। अस्पताल पहुंची फोरेंसिक टीम ने जांच की तो पता चला कि मरीज की हृदयगति सामान्य करने के लिए उसे इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया था।

इसी दौरान स्पार्किंग से ऑक्सीजन मॉस्क में आग लग गई और मरीज का चेहरा झुलस गया। थोड़ी ही देर में उसकी मौत हो गई। एफएसएल अधिकारी ने इलाज के दौरान लापरवाही की आशंका जताई है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मरीज की मौत चेहरा झुलसने, दम घुटने अथवा हार्टअटैक से हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए इंदौर भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा होगा। फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर हर बिंदुओं पर जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार मुल्लापुरा निवासी भगवतीप्रसाद पिता कन्हैयादास बैरागी (37) को उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर 28 मई को आगर रोड स्थित आरडी गार्डी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार सुबह उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो मौजूद डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में भेजा। यहां उसे वेंटिलेटर पर रख ऑक्सीजन मॉस्क लगाया गया। सुबह उसकी हृदयगति असामान्य थी। इस पर डॉक्टरों ने इलेक्ट्रिक कॉर्डियावर्जन (इलेक्ट्रिक शॉक) देने का निर्णय लिया।

चेहरा और सीना झुलसा

पुलिस ने बताया कि इलेक्ट्रिक शॉक देने के दौरान स्पार्किंग हुई और ऑक्सीजन मॅास्क में आग लग गई। इससे भगवतीप्रसाद का चेहरा और सीना बुरी तरह झुलस गया। थोड़ी ही देर में उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों में रोष फैल गया और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। चिमनगंज पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को कानून अनुसार कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। एफएसएल अधिकारी डॉ. प्रीति गायकवाड़, डीएसपी एनएस रावत, एसआई रोहित पटेल व राजेंद्र इंगले ने कार्यवाही की।

ऑक्सीजन मास्क से दूर रखना थी शॉक मशीन

एफएसएल अधिकारी प्रीति गायकवाड़ ने बताया इलेक्ट्रिक शॉक देने वाली मशीन पर स्पष्ट अंकित है कि उसे कंस्ट्रेटेड ऑक्सीजन से दूर रखा जाना चाहिए। चूंकि इससे आग लगने की आशंका रहती है। इलाज के लिए चिकित्सक दोनों का एक साथ उपयोग कर रहे थे। मरीज के चेहरे पर ऑक्सीजन का मॉस्क लगाया था और दूसरी तरफ उसे इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए जा रहे थे। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि सावधानी नही बरतने से मास्क लूज हुआ और स्पार्किंग होने से आग लगी। इससे मरीज का चेहरा झुलस गया।

डॉक्टर ने यह कहा

मौके पर मौजूद डॉ. अश्विन पांडे ने एफएसएल अधिकारी को बताया है कि मरीज का हार्ट काम नहीं कर रहा था, इसलिए उसे इलेक्ट्रिक शॉक देने के लिए आईसीयू में लाया गया था।

 

हार्ट जब्त किया, जांच कराएंगे

एफएसएल अधिकारी ने बताया कि उज्जैन में फोरेंसिक एक्सपर्ट चिकित्सक नहीं होने के कारण शव को पोस्टमार्टम के लिए इंदौर एमवाय अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने मृतक का हार्ट भी जब्त कर लिया है। इसके अलावा मौके पर मिला वेंटिलेटर, पावर सप्लाय लाइन, अधजले कपड़े, मास्क आदि भी जब्त किए गए हैं। इनकी भी जांच करवाई जाएगी।

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