घूसखोरी के केस में पूर्व सीएमएचओ और बाबू को 4 साल कैद की सजा….

उज्जैन। घूसखोरी के एक मामले में लोकायुक्त की विशेष अदालत ने मंगलवार को उज्जैन के पूर्व सीएमएचओ डॉ. एमके दीक्षित और कार्यालय के एक बाबू को 4-4 साल कैद की सजा सुनाई है। दोनों पर एक अकांउटेंट के 4 माह का वेतन निकालने के एवज में दो हजार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप था।

लोकायुक्त एसपी गीतेश गर्ग ने बताया कि एनआरएचएम की अकाउंटेंट मीना चंदेल ने एक अगस्त 2012 को शिकायत की थी कि उसका चार माह का वेतन निकालने के एवज में सीएमएचओ डॉ. एमके दीक्षित व कार्यालय के बाबू सुरेश शर्मा दो हजार रुपए की मांग कर रहे हैं।

इस पर लोकायुक्त ने उसे रुपए लेकर 2 अगस्त 2012 को कार्यालय भेजा था। यहां सुरेश शर्मा ने जैसे ही उससे रुपए, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में सीएमएचओ डॉ. दीक्षित पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। मंगलवार को डॉ. दीक्षित व शर्मा को कोर्ट ने चार-चार साल कैद की सजा सुनाई है।

सीएमएचओ व बाबू की आवाज हुई थी रिकॉर्ड

लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि मीना चंदेल की शिकायत पर लोकायुक्त ने उसके फोन की रिकॉर्डिंग करवाई थी। इसमें सीएमएचआ डॉ. दीक्षित व सुरेश शर्मा दोनों की आवाज रिकॉर्ड की गई थी। दोनों चंदेल से दो हजार रुपए रिश्वत मांग रहे थे। इसके बाद योजना बनाकर शर्मा को ट्रेप किया गया था।

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