उज्‍जैन में आईसीयू के बाहर इलाज के लिए घंटों पड़ा रहा बुजुर्ग, मौत

उज्जैन। सरकारी अस्पतालों की संवेदनशून्य व्यवस्थाओं का शर्मसार कर देने वाला एक और उदाहरण बुधवार को सामने आया। जिला अस्पताल में बुधवार सुबह एक बुजुर्ग इलाज के इंतजार में आईसीयू के बाहर लेटा रहा। मगर उपचार या मदद के लिए अस्पताल को कोई कर्मचारी या डॉक्टर नहीं आया। नतीजतन चार घंटे बाद बुजुर्ग की वहीं मौत हो गई। शव भी काफी देर वहीं पड़ा रहा। बाद में एक नागरिक की सूचना पर अस्पतालकर्मियों ने उसका शव पोस्टमार्टम रूम में रखवाया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बुजुर्ग चामुंडा माता चौराहे पर भिक्षावृत्ति करता था। तबीयत खराब होने पर बुधवार सुबह कुछ लोग उसे अस्पताल के आईसीयू के सामने छोड़ गए थे। वह नग्न अवस्था में काफी देर तक वहीं धूप में पड़ा रहा। दोपहर करीब 2.30 बजे अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की नजर उस पर पड़ी। मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

शव को पहनाए कपड़े

बुजुर्ग की अस्पताल परिसर में मौत की खबर फैली तो कुछ लोग वहां इकट्ठा हुए। शव को वस्त्र पहनाकर पोस्टमार्टम रूम में रखवाया गया। अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस को सूचना दी गई। गुरुवार सुबह शव का पोस्टमार्टम होगा।

सामाजिक संगठनों पर भी सवाल

घटना ने सामाजिक संगठनों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। एक बुजुर्ग घंटों अस्पताल में इलाज का इंतजार करता रहा और बाद में उसकी मौत हो गई। अस्पताल में रोज सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों का आना-जाना होता है। मगर इसकी बाद भी यह घटना घटी।

पहले आया था

बुजुर्ग कुछ दिन पहले भी इलाज के लिए आया था। उसे भर्ती भी किया था। बाद में वह वार्ड से बिना बताए चला गया। उसके साथ कोई परिजन नहीं थे। बुधवार को हुई घटना की जानकारी मिली है। अगर कोई अटेंडर होता तो ये स्थिति नहीं बनती। उसे तुरंत भर्ती कर लिया जाता। पुलिस को सूचना दे दी गई है। गुरुवार को शव का पीएम कराया जाएगा। राजू निदारिया, सीएमएचओ, उज्जैन

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