महाकाल मंदिर में रुपए लेकर भस्मारती परमिशन देने के दो मामले एसडीएम ने पकड़े…

उज्जैन। महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से नि: शुल्क भस्मारती के नाम पर किस तरह वसूली हो रही है इसके दो मामले सामने आए हैं। बीती रात 3.30 बजे स्वयं एसडीएम तथा डिप्टी कलेक्टर ने देखा।
एसडीएम ने कहा हम राजस्थान से आए हैं हम पांच लोगों को भस्मारती करनी है। जिसमें 2 पुरुष और ३ महिलाएं हैं। हमें अनुमति चाहिए। इस पर मंदिर के बाहर फूल बेचने वाला युवक अरुण माली कहने लगा कि एक-एक हजार रुपए में भस्मारती परमिशन बनवा देगा। अरुण माली ने दोनों अफसरों को कहा कि फूल की दुकान वाला कालू सेठ 1000 रुपया प्रति व्यक्ति के मान से राशि लेगा तथा सोमवार सुबह होने वाली भस्मारती के लिए पांचों की अनुमति बनवा देगा। इस पर दोनों ऑफिसर कालू की दुकान जा पहुंचे लेकिन कालू वहां नहीं मिला तो फूल बेचने वाले अरुण को अधिकारियों ने पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

भस्मारती के लिए नाम किसी और का प्रवेश किसी और को कराने का यह दूसरा मामला एसडीएम के सामने आया है। महाकाल मंदिर में भस्मारती के दौरान दुकान नंबर 3 के संचालक मयंक अग्रवाल द्वारा दो लोगों को गलत नाम की अनुमति के आधार पर मंदिर में प्रवेश करवाया जा रहा था संदेह होने पर एसडीएम अनिल बनवारिया ने दोनों श्रद्धालुओं की आईडी तथा भस्मारती अनुमति पर्ची का मिलान किया तो नाम गलत मिले इस पर दुकान वाले मयंक अग्रवाल को एसडीएम ने बुलवाया तथा सही जानकारी देने को कहा तो मयंक ने कहा कि यह अनुमति विपुल चतुर्वेदी ने दी थी मुझे नहीं मालूम कि उन्होंने अनुमति किससे बनवाई मुझे तो सिर्फ अनुमति देने को कहा था और जो लोग मंदिर में इस अनुमति पत्र से प्रवेश कर रहे थे वह अनुमति लेने नहीं आए थे अनुमति लेने वाला अन्य कोई और था।

यह कहना है प्रवेश करने वाले रोहित और राहुल का….
एसडीएम ने जब प्रवेश करने वाले इंदौर निवासी राहुल चौहान तथा रोहित मंडलोई से पूछा की यह अनुमति तुम्हे किस प्रकाश मिली। तो उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया यह अनुमति के टिकट 1100-1100 सौ रुपए में खरीदे हैं।

नाबालिग अरुण ने कहा….
मैं तो कालू की दुकान पर काम करता हूं…फूलों की डलिया बेचने पर मुझे पैसे मिलते हैं…कितने पैसे लेना है यह काम कालू सेठ का है…मैं और मेरा बड़ा भाई दुकान पर काम कर घर चलाते हैं….

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