भस्मारती टिकट के लिये श्रद्धालुओं का 8 घंटे वेटिंग

उज्जैन। भगवान महाकालेश्वर मंदिर में सुबह 4 बजे होने वाली भस्मार्ती देखने के लिये लोगों को टिकिट की आवश्यकता होती है जिसके लिये उन्हें 8 घंटे तक कतार में लगकर वेटिंग करने को मजबूर होना पड़ता है, जबकि मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं को होने वाली परेशानी से अनजान है।
महाकालेश्वर भस्मार्ती दर्शन के लिये एक दिन पहले सभी प्रकार के दर्शनार्थियों को आवेदन देकर परमिशन लेना होती है। सामान्य दर्शनार्थियों के लिये मंदिर प्रशासक कक्ष के पास बने कार्यालय से परमिशन मिलती है वहीं वीआईपी, प्रेस, प्रोटोकॉल व शासकीय कार्यालयों के दर्शन पास बनाने की व्यवस्था प्रोटोकॉल कार्यालय पर की गई है। दोनों स्थानों से लोगों को भस्मार्ती परमिशन कराने में कितनी परेशानी उठाना पड़ती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग आवश्यक कागजात लेकर रात 3-4 बजे से खुले आसमान के नीचे कतार बनाकर खड़े हो जाते हैं जबकि सामान्य दर्शनार्थियों को अनुमति देने का कार्य सुबह 10 बजे बाद शुरू होता है।
यह होती है प्रक्रिया
सुबह 10 बजे से सामान्य दर्शनार्थियों के लिये भस्मार्ती परमिशन कार्यालय खुलता है। यहां कम्प्यूटर आपरेटर व अन्य कर्मचारी एक-एक व्यक्ति को भस्मार्ती आवेदन देते हैं जिसे भरने में 15 मिनिट का समय लगता है। इसके पूर्व यहां मौजूद सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी कतार में लगे लोगों के कागजात चेक करते हैं। परमिशन कार्य प्रारंभ होने के बाद एक व्यक्ति को करीब 30 से 40 मिनिट और लगते हैं।
यह है लोगों की परेशानी
महाकालेश्वर भगवान के दर्शन करने के लिये देश भर से श्रद्धालु आते हैं। उनकी इच्छा होती है कि भस्मार्ती दर्शन भी किये जाएं ऐसे में लोग जानकारी के अभाव में देर रात 2-3 बजे से ही भस्मार्ती परमिशन कार्यालय के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और उन्हें खुले आसमान के नीचे परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिससे मंदिर प्रशासन भी अनभिज्ञ है। वहीं दूसरी तरफ वीआईपी, प्रोटोकॉल या शासकीय विभागों के अधिकायिों को भस्मार्ती परमिशन कराने के लिये विभागीय लेटरपेड पर अनुमति प्राप्त करना होती है जिसकी जांच तहसीलदार करते हैं, लेकिन वह कार्यालय में दोपहर 3 बजे बाद पहुंचते हैं, जबकि कार्यालय सुबह 12 बजे बाद से खुल जाता है।

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