काम कर रहे मजदूरों पर छज्जे की फर्शियां गिरी, दो घायल, एक गंभीर

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में सुबह उस वक्त हादसा हो गया जब निर्माणाधीन निर्गम मार्ग पर काम कर रहे दो मजदूरों पर छज्जे की फर्शियां भरभराकर गिर गईं। दोनों मजदूर इसके नीचे दबकर गंभीर घायल हो गये जिन्हें महाकाल मंदिर समिति की एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। यहां एक घायल की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

महाकाल मंदिर स्थित महानिर्वाणी अखाड़े के कौने को तोड़कर नवीन निर्गम मार्ग बनाया जा रहा है। श्रावण मास समाप्त होते ही इस मार्ग का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। आज सुबह इसी जगह मजदूरों द्वारा ड्रील मशीन से दीवार, छत आदि गिराने का काम चल रहा था और नीचे मजदूर मटेरियल भरकर एक तरफ कर रहे थे।

यहीं पर नाथूसिंह पिता मानसिंह 45 वर्ष और लई पिता भेरूलाल 25 वर्ष दोनों निवासी रणजीत हनुमान मार्ग भी काम कर रहे थे। लई पिता भेरूलाल ने बताया कि वह मटेरियल भर रहा था जबकि नाथूसिंह ड्रील मशीन चलाने के बाद उसके पास आकर खड़ा हो गया तभी अचानक छत के छज्जे में लगी बड़ी-बड़ी फर्शियां भरभरा कर दोनों के ऊपर आ गिरीं।

दुर्घटना में नाथूसिंह और लई फर्शियों के नीचे दब गये जिन्हें अन्य मजदूरों ने मलबे से बाहर निकाला और मंदिर समिति की एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय पहुंचाया। यहां दोनों घायलों को प्राथमिक उपचार दिया गया जबकि नाथूसिंह की हालत गंभीर होने पर उसे परिजन निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे।

 

घायल की जुबानी कैसे हुई घटना

मलबे में दबने से घायल हुए लई पिता भेरूसिंह बंजारा ने बताया कि वह पिछले एक माह से यहीं पर काम कर रहा था। रोजाना की तरह सुबह नाथूसिंह के साथ काम पर आया था। जो छज्जे की फर्शियां उन पर गिरीं उन्हें ड्रील मशीन से पहले छज्जे से अलग करने के लिये कमजोर कर दिया गया था। उसे तोड़कर अलग किया जाना था लेकिन उसके पहले ही फर्शियां छज्जे से अलग होकर उन पर आ गिरीं।

घायलों ने कहा, मंदिर में नहीं मिला प्राथमिक उपचार :

महाकालेश्वर मंदिर में चिकित्सा सुविधा या प्राथमिक उपचार के प्रबंध समिति द्वारा दावे किये जाते हैं लेकिन आज सुबह जब मजदूर मलबे में दबकर घायल हुए तो उन्हें यहां प्राथमिक उपचार देने वाला कोई नहीं था। घायल लई ने बताया कि उन्हें एम्बुलेंस में डालकर सीधे जिला चिकित्सालय लाये थे, लेकिन जिला चिकित्सालय में भी गंभीर घायल नाथूसिंह को बी वार्ड में पलंग तक नसीब नहीं हुआ।

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