प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान के बयान के बाद भी सामान्य वर्ग की नाराजगी नहीं होगी कम

उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बालाघाट में आयोजित सभा के दौरान इस बात का ऐलान किया है कि एसीएसटी एक्ट में बगैर जांच के किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी, जबकि इससे पहले वह कोई माई का लाल आरक्षण नहीं हटवा सकता है। जैसा बयान देकर सामान्य वर्ग को नाराज कर चुके हैं।
एससीएसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को केंद्र सरकार द्वारा संसद में विधेयक लाकर पलट दिया गया। वहीं बरसों से आरक्षण व्यवस्था जारी है। जिसके कारण सामान्य वर्ग में रोष है और अब प्रदेशभर में आंदोलन हो रहा है जिसका असर आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है कुछ लोग मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को विधानसभा चुनाव से लेकर जोड़ रहे हैं। इस संबंध में वरिष्ठ अभिभाषक से चर्चा की गई। उन्होंने अपने विचार इस प्रकार से व्यक्त किए।

पूर्व महापौर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राधेश्याम उपाध्याय का कहना है कि एससीएसटी एक्ट को लेकर मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की है उसका स्वागत किया जाना चाहिए। अब मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि अब इसका पालन प्रदेशभर में करवाएं। उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण और एस्ट्रोसिटी एक्ट को लेकर सामान्य वर्ग में नाराजगी है। इस वजह से लोगों ने राजनीतिक दलों से दूरियां भी बना रखी है।

वरिष्ठ अभिभाषक प्रमोद चौबे का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया उसे केंद्र सरकार ने बदल दिया और उसमें कुछ नए संशोधन भी कर दिए, जिससे देशभर में विरोध हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले दिनों उज्जैन में करणी सेना ने जो रैली निकाली उसका असर पूरे देश भर में दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया है उसे प्रदेश के लोग भली-भांति समझ रहे हैं।

वरिष्ठ अभिभाषक योगेश व्यास के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया था उसे केंद्र सरकार ने पलट दिया और एस्ट्रोसिटी एक्ट में और परिवर्तन कर दिया। जिसका देशभर में विरोध हो रहा है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रकार की घोषणा की गई है। इसका इसका स्वागत है, लेकिन जरूरत इस बात की है कि केंद्र सरकार ने जो संशोधन किया है, उसे वापस ले तभी सामान्य वर्ग के लोगों की नाराजगी दूर हो सकती है।

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