नगर निगम की कार्यवाही से छलका सब्जी विक्रेताओं का दर्द, बोले…

उज्जैन। नगर निगम द्वारा एक ही कार्रवाई को दो तरह से किस तरह अंजाम दिया जाता है इसका उदाहरण नानाखेड़ा चौराहे पर लगे सब्जी का ठेला लगाने वालों पर हुई कार्रवाई से देखा जा सकता है। सब्जी विक्रेताओं ने कहा कि हम 20 रुपये, 30 रुपये रोज की पर्ची कटवाते हैं, 250 रुपये का जुर्माना भी भर देते हैं फिर भी नगर निगम अधिकारी हमारे ऊपर कार्रवाई करते हैं जबकि शहर में ऐसे व्यापारी भी हैं जो लाखों की पक्की दुकानें होने के बावजूद सड़क पर सामान रखकर बेच रहे हैं ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने से अधिकारी क्यों डरते हैं।

बुधवार को नगर निगम की टीम ने नानाखेड़ा चौराहा गैल आफिस के पास सड़क किनारे सब्जी का ठेला लगाकर व्यवसाय करने वालों पर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाने वाली गैंग के कर्मचारियों ने सामान, डस्टबीन आदि उठाकर फेंक दिये। ठेले हटवा दिये। त्यौहारी सीजन में गरीब सब्जी विक्रेताओं पर नगर निगम की कार्रवाई इसलिये संदिग्ध हो जाती है जब शहर में बड़े दुकानदार सड़क पर अतिक्रमण कर व्यापार कर रहे हों और उन्हें अधिकारियों का आश्रय प्राप्त हो। नानाखेड़ा चौराहे से हटाये गये सब्जी विक्रेताओं ने कहा नियम अमीर, गरीब नहीं देखते। अधिकारियों को कार्रवाई करना है तो सभी पर समान रूप से होना चाहिए।

फ्रीगंज स्थित पुरानी सब्जी मंडी में एक शोरूम संचालक द्वारा दुकान के बाहर फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि सामान रखकर अतिक्रमण किया गया है। इसी प्रकार मुंज मार्ग स्थित शोरूम संचालक ने भी सड़क पर कब्जा कर डिस्प्ले के लिये इलेक्ट्रानिक सामान जमाने के साथ एक कार भी खड़ी कर दी है, वहीं वी मार्ट के संचालक ने दुकान के बाहर स्थायी गुमटी लगा ली है।

ऐसे व्यापारियों पर नगर निगम अधिकारियों ने अब तक कार्रवाई नहीं की है। लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने वाली गैंग के कर्मचारी वर्षों से रसीद काटकर वसूली करते आ रहे हैं। बावजूद इसके मनमर्जी से दुकानें हटाने पहुंचे जाते हैं, जबकि बड़े दुकानदारों पर कभी कार्यवाही नहीं होती।

सब्जी विके्रताओं का दर्द

दीपावली का त्यौहार सिर पर है, घर में रुपयों की जरूरत है, नियमों के अनुसार ही सड़क किनारे खड़े होकर धंधा कर रहे थे। नगर निगम की टीम ने जुर्माना वसूलने के साथ हमारा सामान भी फेंक दिया।
– कालू माली, एकतानगर

वर्षों से इसी चौराहे पर सड़क किनारे ठेला लगाकर धंधा कर रहे हैं, नगर निगम की रसीद भी कटवाते हैं, किसी को परेशानी नहीं थी फिर भी हमें यहां से भगा दिया। अब हम कहां जाकर सब्जी बेचेंगे।
– ज्योतिबाई, न्यू इंदिरानगर

फ्रीगंज में अनेक बड़े व्यापारी हैं जो पक्की दुकानें होने के बावजूद सड़क पर सामान रखकर बेच रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई होना चाहिये, हम तो फेरी लगाकर धंधा कर लेंगे।
– ठाकुर माली, न्यू इंदिरानगर

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