कार्तिक मास में पहली बार शहर का हाल जानने निकलेंगे भगवान महाकाल

उज्जैन। कार्तिक मास में आज महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ रजत पालकी में सवार होकर तीर्थ पूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेंगे। कार्तिक-अगहन मास में इस बार पांच सवारियां निकलेंगी। 21 नवंबर को मध्यरात्रि में गोपाल मंदिर पर हरि-हर मिलन होगा। उस दिन महाकाल मंदिर से रात 11 बजे राजा की सवारी शुरू होगी।
श्रावण-भादौ मास की तरह कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी निकलती है। खास बात यह है कि श्रावण-भादौ मास की सवारी श्रावण मास के कृष्ण पक्ष से शुरू हो जाती है, जबकि कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियां शुक्ल पक्ष में शुरू होती हैं। इस बार कार्तिक अगहन मास की पहली सवारी दीपावली के बाद 12 नवंबर को निकलेगी। मान्यता है कि भगवान महाकाल कार्तिक मास में चांदी की पालकी में सवार होकर तीर्थ पूजन के लिए रामघाट पहुंचते हैं।

कार्तिक मास में सवारी शिप्रा तट परंपरागत मार्ग से पहुंचती है। पूजन के बाद लौटते समय मार्ग परिवर्तित रहता है। रामघाट पर पूजन के बाद सवारी नदी के किनारे होते हुए गणगौर दरवाजा से निकलकर कार्तिक चौक पहुंचेगी।

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