जीते हुए भाजपा विधायकों ने किये महाकाल दर्शन मतदाताओं का माना आभार, नहीं निकाला जुलूस

उज्जैन। मंगलवार को चुनाव परिणाम देर रात तक आने के बाद जिले की सातों सीटों के प्रत्याशी बुधवार को विजय जुलूस निकालने के लिए अपने-अपने समर्थकों के बीच पहुंचे। बुधवार की सुबह करीब 10:30 पर उज्जैन उत्तर और दक्षिण के दोनों भाजपाई विधायक महाकाल मंदिर पहुंचे। यहां उनके समर्थकों ने उनका भावभीना स्वागत किया। स्वागत के बाद समर्थक विजय जुलूस के मूड में थे, लेकिन दोनों ही विधायकों ने जुलूस के लिये मनाकर कार्यकर्ता और मतदाताओं के प्रति आभार जताया।

भाजपा के चुने गये उत्तर के विधायक पारस जैन और दक्षिण विधायक मोहन यादव सुबह महाकाल मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे। यहां महाकाल मंदिर के बाहर ही हरसिद्धि की ओर जाने वाले मार्ग पर एक स्टेज बनाया गया था। कार्यकर्ताओं के स्वागत के बीच दोनों विधायकों ने अपने मतदाताओं के प्रति आभार जताया।

पारस जैन ने कहा कि उन्हें अपनी जीत पर भरोसा था। इधर घट्टिया कांग्रेस विधायक रामलाल मालवीय का विजय जुलूस बुधवार की सुबह इसाकपुर से शुरू हुआ। भारी जनसमुदाय के साथ विधायक मालवीय ने सभी का आभार जताया। जुलूस निपानिया, जैथल, पिपलई से होकर जुलूस निकाला गया। मालवीय ने कहा कि मेरी प्राथमिकता रहेगी कि नदी किनारे बसें गांव के पास स्टापडेम बनाकर सिंचाईं की व्यवस्था सुचारू हो साथ ही घट्टिया और उन्हेल में प्राथमिक स्वास्थ्य के केन्द्रों में मरीजों की उपचार की व्यवस्था सुलभ कराना उनके पहले कामों में शामिल होगा।

जीते तो लेकिन सरकार न बनने का मलाल

बीजेपी विधायकों पारस जैन और मोहन यादव का जुलूस ना निकालने का कारण तब स्पष्ट हुआ जब विधायक पारस जैन ने मीडिया से बात करते हुए यह कहा कि वे जीते तो हैं लेकिन सरकार ना बनाने का मलाल रहेगा। उन्होंने कहा कि वे चुनाव के समय अपने मतदाताओं के बीच जहां-जहां भी गये, वहां मिले समर्थन से यह लग गया था कि वे चुनाव जीत रहे हैं, यही कारण है कि वे चुनाव नतीजों के लेकर अपनी जीत पर आश्वस्त थे। इधर विधायक मोहन यादव ने कहा कि उन्हें अपने काम पर भरोसा था लेकिन उज्जैन से कांग्रेस का चुनावी कैम्पेन शुरू हुआ था, और उज्जैन में हमने उन्हें शिकस्त दी ये बड़ी बात है।

सुसनेर से जीते निर्दलीय विधायक को मनाकर ले गये भोपाल:कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले राणा विक्रम सिंह द्वारा भारी मतों से जीत दर्ज करने पर सुबह करीब 7 बजे उनसे संपर्क करने के लिये कांग्रेस नेता जीतू पटवारी, तराना से विधायक निर्वाचित हुए महेश परमार व अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता राणा के घर पहुंच गये। बताया जाता है कि कांग्रेस को प्रदेश में सरकार बनाने के लिये कुछ सीटों की आवश्यकता है और इसी के चलते राणा को मनाकर पुन: कांग्रेस में शामिल होने व समर्थन के लिये मान मनोव्वल किया गया। बताया जाता है कि कांग्रेस नेता राणा विक्रम सिंह को मनाकर अपने साथ भोपाल के लिये रवाना हो चुके हैं।

ऑफिसों से लेकर चौराहों तक चुनाव की चर्चा

्देश में 15 वर्ष के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी और चुनाव के कांटे की टक्कर के परिणाम सामने आना शासकीय ऑफिसों से लेकर चौराहों तक सुबह से चर्चा का विषय बने रहे। हर वर्ग चुनाव परिणामों को लेकर अपना मत बताने के साथ हारने और जीतने वाले उम्मीदवारों की उपलब्धि और कमियां गिनाने में लगा रहा। देर रात तक प्रदेश के चुनाव परिणामों में भाजपा व कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर को लेकर लोगों में जिज्ञासा बनी रही।

मामूली सीटों के अंतर से हार जीत के मुकाबले के साथ ही प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी यह जानने के लिये हर व्यक्ति उत्साहित था और सुबह लोगों के लिये यही चर्चा का विषय भी रहा। सुबह शासकीय कार्यालयों में काम करने की जगह अधिकारी-कर्मचारी चुनावी चर्चा में व्यस्त रहे।

वहीं चौराहों पर चाय की चुस्की के साथ हर प्रकार के लोग उज्जैन की सातों विधानसभा सीटों के परिणामों का आंकलन करने के साथ ही प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी उस पर चर्चा करते नजर आये। चर्चा इस बात की भी रही कि जिले की 7 विधानसभा सीटें जो पूर्व में भाजपा के हाथों में थी अब फिसलकर मात्र 3 सीटें उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण व महिदपुर तक सिमट गई हैं। वहीं प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं होने पर कौन कैसे समर्थन देगा और कांग्रेस की सरकार कैसे बनेगी इसी की चर्चा चलती रही।

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