1 जनवरी से ऑनलाइन बनेंगे अनुज्ञा पत्र

उज्जैन। मध्य प्रदेश शासन ने प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में 1 जनवरी 2019 से ऑनलाइन अनुज्ञा पत्र बनवाने हेतु संभाग भर की कृषि मंडियों के लगभग 150 कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया गया।
शासन के आदेश के अनुसार 1 जनवरी से प्रदेशभर की सभी मंडियों में ऑनलाइन अनुज्ञा पत्र बनाकर ही कृषि उपज का व्यापार व्यवसाय व्यापारियों द्वारा किया जा सकेगा, इस हेतु पिछले दिनों जिला समन्वयक संजीव सक्सेना ने कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसी सप्ताह में व्यापारियों को भी सेमिनार आयोजित कर उन्हें भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मंडी लाइसेंस भी बनेंगे ऑनलाइन
कृषि उपज का व्यापार करने वाले व्यापारियों के लाइसेंस भी अब ऑनलाइन ही बनेंगे इस हेतु व्यापारियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन की व्यवस्था होने के पश्चात व्यापारियों को छोटे-छोटे काम के लिए मंडी कार्यालय के बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे।

ई-अनुज्ञा पत्र के फायदे
१ ई अनुज्ञा पत्र प्रणाली से कृषि उपज व्यापार अधिक सहज और सरल होगा एवं कार्यप्रणाली पारदर्शी होगी।

2 ई अनुज्ञा पत्र बनवाने हेतु इंतजार नहीं करना होगा।

3 ई अनुज्ञा प्रणाली से व्यापारियों को वर्ष के अंत में सत्यापन हेतु कार्यालय में नहीं आना होगा, क्योंकि क्रय-विक्रय का सारा आंकड़ा कार्यालय में उपलब्ध होगा।

4 एक क्लिक से अपनी जिंसों के क्रय विक्रय की जानकारी कहीं पर भी और कभी भी देखी जा सकती है।

5 लोडिंग वाहन अगर रास्ते में खराब हो जाता है तो उसके वाहन के नंबर बदलने की सुविधा रहेगी, साथ ही सौदा निरस्त होने की स्थिति में जारी अनुज्ञा पत्र को निरस्त करने का प्रावधान रहेगा।

अभी संशय है 1 जनवरी से लागू होगा या नहीं
वर्तमान में व्यापारियों द्वारा मंडी को धारा 19 (3) नोवा फॉर्म के अंतर्गत हम डिक्लेरेशन भर कर देते हैं जिसमें फसल की टैक्स की सारी जानकारी उपलब्ध रहती है, प्रदेश स्तर के व्यापारी ई बिल का विरोध करेगी शासन ने अगर नहीं माना तो हम प्रदेशभर की मंडियों में हड़ताल करेंगे। इस संबंध में हमने एमडी को पत्र लिखा है। अनाज दलहन तिलहन महासभा इसका पुरजोर विरोध कर रही है।
गोपालदास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष अनाज दलहन तिलहन महासभा

हमने ई-अनुज्ञा पत्र हेतु तैयारी कर ली है
1 जनवरी से ई अनुज्ञा पत्र के माध्यम से काम हो मंडी ने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर इसकी तैयारी कर ली है एवं सेमिनार के माध्यम से व्यापारियों को भी प्रशिक्षण दिया है एवं एक बार और व्यापारी को प्रशिक्षण देना है, जो आगामी एक-दो दिन में सेमिनार होने की संभावना है।
राजेश गोयल, सचिव कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन

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