सोमवती कुंड: 18 दिन में बदल गया स्वरूप

शनिश्चरी अमावस्या पर्व स्नान के समय त्रिवेणी घाट पर श्रद्धालुओं की व्यवस्थाएं जुटाने में नाकाम प्रशासनिक अधिकारियों ने सोमवती अमावस्या पर्व स्नान के लिये पिछले 15 दिनों से तैयारियां प्रारंभ कर दीं। अक्षर विश्व में प्रमुखता से प्रकाशित समाचार और संभागायुक्त व कलेक्टर के लगातार निरीक्षण व मार्गदर्शन का असर यह हुआ कि पर्व स्नान के 4 दिन पहले ही सोमती कुंड की सफाई, पुताई व अन्य व्यवस्थाएं जुटा ली गई हैं।

सोमती कुंड की ओर आने वाले सदावल नाले के गंदे पानी को रोकने के लिये प्रशासन द्वारा कुंड से करीब 50 मीटर दूर पुलिया के दूसरी ओर मिट्टी व पत्थर डालकर पाल बना दी गई है और अब नाले का पानी किसानों को सिंचाई के लिये दिया जा रहा है। कुंड को खाली कर उसकी गाद भी निकाली गई बाद में कुंड की पुताई कराई गई।

यहां पहले से एक ट्यूबवेल था। पीएचई विभाग ने एक और ट्यूबवेल कराया गया। इसके अलावा हाईडेंट और शिप्रा नदी में मोटर डालकर वहां से भी पानी लाने की व्यवस्था की गई। कुंड के तीन ओर फव्वारे लगाकर ट्यूबवेल से जोड़ा गया है।

पुलिया के ऊपर करीब 15 फीट ऊंची जालियां लगा दी गई हैं। आसपास की झाडिय़ां साफ कराने के साथ ही श्रद्धालुओं के लिये सुविधाएं जुटाई गई हैं। सुबह यहां मौजूद पीएचई इंजीनियर व कर्मचारियों ने कुंड के आसपास लगाये गये फव्वारों को चालू कर दिखाया और अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में भी जानकारी दी।

13 जनवरी के बाद ये हुए काम….

1 ट्यूबवेल में डाली नई मोटर, 1 ट्यूबवेल नया लगाया, फव्वारे लगवाए, कुण्ड में स्वच्छ पानी लाये, सदावल नाले पर पाल बनाकर रोका गंदा पानी… कुंड का रंग-रोगन किया….

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