विक्रम विश्वविद्यालय… नए कुलपति ने पदभार ग्रहण किया

कर्मचारियों ने फर्श धोया, पटाखे फोड़े और डांसकर किया जोरदार स्वागत

विक्रम विश्वविद्यालय के नए कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने गुरुवार सुबह पदभार गृहण कर लिया। काम की शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा है। नए कुलपति के लिए कर्मचारियों ने प्रवेश द्वार का गेट धोकर जमकर आतिशबाजी कर ढोल पर खूब डांस कर उनका स्वागत किया

। कर्मचारियों के खुशी की वजह भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पूर्व कुलपति प्रो. शील सिंधू पांडेय के इस्तीफा देना बताया जा रहा है। विक्रम विवि के प्रभारी कुलपति नियुक्त किए गए। आर्चाय डॉ. शर्मा सिंधिया प्राच्य विद्या शोध संस्थान के निदेशक है। विश्वविद्यालय परिसर में निवासरत डॉ. शर्मा को गुुरुवार शाम डॉ. पांडेय के पद से इस्तीफा देने पर जिम्मेदारी सौंपी गई है।

डॉ. शर्मा की नियुक्ति की खबर से विवि कर्मचारी अधिकारी और छात्रों में खुशी का माहौल छा गया। आज सुबह ११ बजे उनके पदभार गृहण करने का पता चलते ही कर्मचारियों ने टेंकर लाकर पानी से प्रवेश द्वार से सीढ़ी तक फर्श धोया। पटाखे और ढोल मंगवाया और जैसे ही डॉ. शर्मा यहां पहुंचे उनका जोरदार स्वागत किया।

इस अवसर पर डॉ. शर्मा ने चर्चा में कहा कि परीक्षा समय पर शुरू करवाना और परिणाम के समय पर मिलना उनकी प्राथमिकता पर है। साथ ही फिलहाल 11 मार्च को होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारियों पर उनका फोकस रहेगा।

इसलिए देना पड़ा इस्तीफा 
पूर्व कुलपति प्रो. पांडेय पर दो गंभीर गंभीर आरोप लगे है। पहले वर्ष 2016 से 2018 तक हुई करीब एक करोड़ की किताबों की खरीदी में वे घिरे हुए थे। उन्होंने एक स्टांप पर टेंडर अनुबंध कर खरीदी की है। वहीं आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में एक ही दिन में तीन दर्जन नियुक्ति में भी वह फंसे हुए थे। उन्होंने धारा २८ कोड का उल्लंघन किया था।

हाईकोर्ट में भी नहीं दिया जवाब 
प्रो. पांडेय पर लगे आरोपों के चलते भारतीय युवा संघ के भरत शर्मा ने हाईकोर्ट में पीटिशन लगा रखी थी। कोर्ट ने प्रो. पांडेय को १० दिन में जांच के निर्देश दिए थे। जिसका पालन नहीं करने पर हाल ही में कोर्ट ने पुन: सुनवाई करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को जांच के निर्देश दिए थे। प्रो. पांडेय को आभास हो गया था कि वह अब फंस सकते हैं। इसलिए इस्तीफा दे दिया।

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