ग्राउंड रिपोर्ट : गोंदिया गांव में कचरा जलाने से घातक बीमारी का तांडव

ट्रैंचिंग ग्राउंड बना मौत का कारखाना…

चार साल में 70 मौत!

गांव – 14
दायरा – 20 किमी
आबादी – 30 हजार
वजह – धुंआ

शहर से लगे करीब 20 किमी के दायरे में स्थित 14 गांव के ग्रामीण पल-पल मरने को मजबूर है। वजह है नगर निगम द्वारा गोंदिया में बनाया गया ट्रैंचिंग ग्राउंड। यहां पर लगातार अपशिष्ट पदार्थ जलाए जाने से लोग घातक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।

यहीं नही पीछले चार साल के दौरान पास के गांवों में करीब 70 लोगों की मौत के लिए ग्रामीण ट्रैंचिंग ग्राउंड को जिम्मेदार मान रहे हैं। खास बात यह है कि दर्जनों शिकायतों के बाद भी न तो किसी जनप्रतिनिधि ने समस्या हल का प्रयास किया और न प्रशासन ने। मामले पर अक्षर
विश्व की खोज परख…

शहर से करीब 15  किमी दूर हासामपुरा के नजदीक गोंदिया गांव है। नगर निगम ने यहां पर ट्रैंचिंग ग्राउंड बना रखा है। वर्ष 2015 से यहां पूरे शहर का कचरा डंप किया जा रहा है। कचरे के ढेर में आग लगने के कारण धुंआ गोंदिया और उससे लगे 14 गांवों में हवा के रूख के साथ फैलता है, जिसके कारण यहां के रहवासियों का जीना मुहाल हो गया है।

ग्रामीणों का दावा है कि इस धुएं से चर्मरोग, कैंसर, दमा और स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारी हो रही हैं। कई शिकायतों के बाद भी जिम्मेदारों ने सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं किए। नतीजतन पीछले चार वर्ष में करीब 70 लोगों की दमे और कैंसर से मौत हो चुकी है।

हालात यह कि ब्रजराज खेड़ी में मात्र दो वृद्ध बचे हैं। वहीं गोंदिया में चार पिता-पुत्र दमे की बीमारी के कारण मौत का शिकार हो चुके हैं। मजबूरन कुछ गांवों के कुछ लोग पलायन तक कर चुके हैं।

ट्रैंचिंग ग्राउंड एक नजर में 
ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 2004 में सिंहस्थ के मद्देनजर ट्रैंचिंग ग्राउंड बनाया था। विरोध करने पर कुछ समय बाद बंद कर दिया गया था। वर्ष 2015 में यह फिर शुरू किया गया। वर्तमान में उज्जैन वेस्ट कंपनी ने कचरा नष्ट करने का ठेका ले रखा है।

कंपनी के जिम्मेदारों का दावा है कि वह कचरे से सिर्फ जैविक खाद बनाते हैं। खेतों में खापे जलाने से उड़ी चिंगारी से कचरे के ढेर में आग लगती है। वहीं वे सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं।

मध्याह्न भोजन मुश्किल में 
गोंदिया स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक लीलाधर सोनार्थिया ने बताया कि धुएं के कारण स्कूल में बच्चों का पढऩा मुहाल है। यहीं नहीं बच्चें मध्यांह भोजन भी मजबूरी में करते हंै।

गोंदिया में 25 मरे, एक को स्वाइन फ्लू
गोंदिया निवासी जनपद सदस्य महेंद्रसिंह देथलिया के अनुसार ट्रैंचिंग ग्राउंड के धुएं से हो रही बीमारियों के कारण लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। पांच दिन पहले मांगीलाल पिता गणपत गोस्वामी (70) को स्वाइन फ्लू हो गया।

उनका इंदौर के गोकुलदास अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं कैंसर से चंपालाल उनके पुत्र सुरेश, हरीशचंद्र उनका पुत्र सुरेश, भागीरथ पटेल, देवसिंह पटेल, रामप्यारी बाई, जितेंद्र बागवान, कालूसिंह मोगिया, प्रेमचंद्र, मनोहर सहित अन्य गांवों में भी कुछ की मौत हो चुकी हैं।

सुनवाई नहीं की, इस्तीफा देकर गांव ही छोड़ दिया 
ब्रजराज खेड़ी निवासी विक्रमसिंह आंजना पूर्व में भाजपा के जिला ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ संयोजक थे, लेकिन संगठन व पार्टी ने ट्रैंचिंग ग्राउंड की समस्या पर सुनवाई नहीं की, नतीजतन उन्होंने पद से इस्तीफा तो दिया ही परिवार सहित गांव भी छोड़ दिया।

आंजना ने बताया कि गर्मी में धुएं के कारण बीमारी फैल रही हंै और बरसात में कचरे का पानी त्रिवेणी तक नदी में मिल रहा है। नतीजतन बच्चों और वृद्ध ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

जिम्मेदारों ने कहा 
मुझे जानकारी नहीं है मामला सामने आया है अब दिखवाता हूं।
शंशाक मिश्र, कलेक्टर

ट्रैंचिंग ग्राउंड रहवासी क्षेत्र से काफी दूर है। सालों पुराना कचरा है, जल्द ही नष्ट कर देंगे। छह माह पहले आग लगी थी, जो बूझ नहीं पाई अंदर-अंदर ही सुलग रही है। बावजूद क्षेत्र में कोई समस्या है तो दिखवाते हैं।
प्रतिभा पाल,
कमिश्नर नगर निगम

कहां कितनी आबादी

गांव – आबादी 
ब्रजराजखेड़ी – 1200
गोंदिया – 1700
हासामपुरा – 1000
राणाबड़ – 700
गंगेड़ी – 2000
लेकोड़ा –  8000
लिंबापिपलिया – 2000
राघोपिपलिया – 1500
करोहन – 2000
टंकारिया पंथ – 1500
चांदमूख – 700
पालखेड़ी – 2000
चिंतमाण – 3000
जवासिया – 2000
संख्या ग्रामीणों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर

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