लोकसभा चुनाव: डॉ. परमार के पक्ष में मुख्यमंत्री से मिले विधायक

मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन कहा… जीतने वाले को मौका

लोकसभा चुनाव में उज्जैन-आलौट सीट से कांग्रेस से डॉ. सीमा परमार को टिकट मिलने की संभावना और बढ़ गई है। उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के लिए गुरुवार को दो विधायकों सहित एक दर्जन से ज्यादा जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भोपाल में मुलाकात की। सीएम ने जिताऊ प्रत्याशी को मौका देने की बात कहते हुए डॉ. परमार के नाम पर गंभीरता से विचार करने का भरोसा दिया है।

तराना विधायक महेश परमार अपनी बहन डॉ. सीमा परमार को कांग्रेस से टिकट दिलवाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इसी के चलते गुरुवार दोपहर आलोट विधायक मनोज चावला व विधायक महेश परमार सहित कई जनप्रतिनिधि व जिले के नेता सीएम कमलनाथ से मिलने भोपाल पहुंचे।

सभी ने एक सुर में डॉ. परमार को उम्मीदवार बनाने का आग्रह किया। सीएम ने प्रतिनिधिमंडल से करीब 20 मिनट चर्चा के बाद डॉ. परमार को जितने योग्य पाए जाने पर टिकट देने का आश्वासन दिया है।

सूत्रों के अनुसार अब तक प्रकिया के बाद केंद्रीय चुनाव समिति के पास फिलहाल डॉ. परमार के अलावा पूर्व मंत्री बाबूलाल मालवीय का ही नाम है। उम्मीद की जा रही है कि दोनों में से ही किसी को मौका मिल सकता है। हालांकि कांग्रेस में नया नाम सामने आने की उम्मीद से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

सिर्फ जीतने वाले को मौका 
सूत्रों के अनुसार सीएम ने प्रतिनिधिमंडल से डॉ. परमार के अब तक की सामाजिक भूमिका की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने प्रत्याशी के लिए तय गाइड लाइन बता दी। स्पष्ट रूप से कहा कि वे जीतने वाले को टिकट देंगे। डॉ. परमार अगर जितने लायक है तो सर्वे कराने के बाद उन्हें टिकट दिए जाने के लिए वह हाईकमान से बात करेंगे।

इन्होंने किया डॉ. परमार का समर्थन 
विधायक चावला के नेतृत्व में गए दल में विधायक परमार, जिला पंचायत अध्यक्ष करण कुमारिया, कांग्रेस जिला अध्यक्ष कमल पटेल, तराना जनपद अध्यक्ष अजीत सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष उमेश शर्मा, रामप्रसाद धाकड़ के साथ ही तीन जिपं सदस्य, पांच ब्लॉक अध्यक्ष, प्रदेश मीडिया पैनेलिस्ट राजेश तिवारी, सुरेंद्र मरमट आदि शामिल थे।

डॉ. जोशी की भूमिका महत्वपूर्ण 
सूत्रों के अनुसार इस लोकसभा सीट के लिए भले ही कोई कितनी ही दमदारी से दावेदारी करता रहे लेकिन अंत में उम्मीदवार वहीं होगा, जिसके लिए पूर्व विधायक डॉ. बटुकशंकर जोशी की सहमति होगी। सर्वविदित है कि डॉ. जोशी की मुख्यमंत्री से काफी नजदीकी है और फिलहाल जिले में कांग्रेस की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाते हंै।

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