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कोरोना के बूस्टर डोज पर ब्रेक:बढ़ते मरीजों के बीच कोविशील्ड का स्टाॅक खत्म, सेंटर घटाना पड़े; 54 सेंटर में से केवल छह सेंटर पर हो पाएगा वैक्सीनेशन

- संक्रमित जिलों व राज्यों से आने वाले लोगों की स्थानीय लोगों से कनेक्टिविटी बढ़ने से उनके संक्रमित होने का अंदेशा
- वैक्सीन के दोनों डोज लगाने के बाद अब बूस्टर यानी प्रिकॉशन डोज पर जोर दिया जा रहा है, बावजूद इसके वैक्सीन के डोज का संकट खड़ा
कोरोना की चौथी लहर में बढ़ते मरीजों के बीच में कोविशील्ड का स्टॉक खत्म हो गया है। ऐसे में बूस्टर डोज पर ब्रेक लग गया है। वैक्सीनेशन महाअभियान में शुरू किए सेंटर घटाने पड़े हैं। 54 सेंटर में केवल छह सेंटर ही संचालित हो पा रहे हैं। शहर और जिले में चौथी लहर में हर दिन 3 से 5 मरीज संक्रमित पाए जा रहे हैं। संक्रमण दर करीब डेढ़ फीसदी बनी हुई है। उज्जैन में वर्तमान में एक्टिव मरीज 29 हैं। श्रावण में बाहर के श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। संक्रमित जिलों व राज्यों से आने वाले लोगों की स्थानीय लोगों से कनेक्टिविटी बढ़ने से उनके संक्रमित होने का अंदेशा है।
वैक्सीन के दोनों डोज लगाने के बाद अब बूस्टर यानी प्रिकॉशन डोज पर जोर दिया जा रहा है, बावजूद इसके वैक्सीन के डोज का संकट खड़ा है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि कोविशील्ड की डिमांड भेज दी है, जिसकी एक-दो दिन में उपलब्धता हो जाएगी। वैक्सीनेशन महाअभियान के तहत करीब 53 हजार लोगों को बूस्टर डोज लगाए जा चुके हैं। बाकी के करीब 11 लाख लोगों को डोज लगाए जाना है।