सोमवती अमावस्या पर क्षिप्रा घाटों में भक्त नहीं कर सकेंगे स्नान

उज्जैन/ तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का प्रभाव न सिर्फ इंसानी स्वास्थ पर पड़ रहा है, बल्कि ये धार्मिक मान्यताओं और भावनाओं पर भी असर डाल रहा है। संक्रमण से अधिक से अधिक लोगों को बचाए रखने के लिए सरकार भी कड़े फैसले लेने को मजबूर है। इसी कड़ी में अब कलेक्टर आशीष सिंह ने आगामी 20 जुलाई को सोमवती और हरियाली अमावस्या पर्व पर क्षिप्रा नदी के सभी घाटों पर किसी भी तरह का स्नान और नदी एवं घाटों पर डुबकी लगाने पर प्रतिबंध लगाया है। यही नहीं इस दिन नदी एवं घाटों के किनारे पर जाना भी प्रतिबंधित होगा। कलेक्टर द्वारा दिये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिये गए हैं। साथ ही, आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई की भी हिदायत दी गई है।

 

शनिवार से शुरु हुआ लॉकडाउन सोमवार सुबह तक लगा रहेगा

इसी के साथ आगामी आदेश तक हर रविवार को जिले की सीमा क्षेत्र के नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में सम्पूर्ण लॉकडाउन घोषित करने के आदेश दिये हैं। ये संपूर्ण लॉकडाउन शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे लगा रहेगा। इस अवधि में सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बन्द रहेंगे। यही नहीं, मॉर्निंग वॉक भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। इसके अलावा, जिलेभर की सभी किराना, फल, सब्जी आदि की दुकानें खोलने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।

 

इन्हें रहेगी अनुमति

उपरोक्त प्रतिबंध इमरजेंसी चिकित्सा, इमरजेंसी ड्यूटी, मेडिकल दुकान, अस्पताल, दूध/पेपर बांटने वाले तथा मीडियाकर्मियों पर लागू नहीं होगा। महाकालेश्वर भगवान की आगामी दो सवारियां पूर्व की दो सवारियों में निर्धारित रूट अनुसार ही निकाली जाएंगी।

 

संक्रमण की रोकथाम के लिए ये आदेश भी हुए जारी

कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के तहत कोई भी धार्मिक कार्य, त्यौहार, आयोजन सार्वजनिक स्थल पर नहीं होंगे, न ही कोई धार्मिक जुलूस या रैली निकाली जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर किसी प्रकार की मूर्ति, झांकी आदि स्थापना नहीं होगी। जिले के सभी लोग अपने-अपने घरों में रहकर ही पूजा/उपासना करेंगे। कोई भी मूर्तिकार/कुम्हार बड़ी पंड़ालों में रखने वाली मूर्ति नहीं बनाएगा। सिर्फ घरों में स्थापित की जाने वाली छोटी मूर्तियों को ही बनाने की अनुमति होगी। कलेक्टर ने आदेश जारी किये हैं कि धार्मिक स्थलों पर एक समय में पांच से अधिक लोग इकट्ठे न हो। उपासना स्थलों पर फेस कवर और सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाना अनिवार्य होगा।

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