बड़ागणेश मंदिर

भारत के हर कोने में भगवान गणेश जी के मंदिरों को देखा जा सकता है और उनके प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, बडे गणेश जी का मंदिर, जो उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर के निकट हरसिध्दि मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान गणेश जी को बडे गणेश जी के नाम से जाना जाता है।

इस मंदिर में विराजित गणेश जी की भव्य और कलापूर्ण मूर्ति प्रतिष्ठित है। यह एक बहुत बडी़ मूर्ति है जिस कारण से इसे बडे़ गणेश जी के नाम से पुकारा जाता है। इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर दूर तक फैली हुई है। गणेश जी की इस भव्य प्रतिमा का निर्माण पं. नारायण जी व्यास के अथक प्रयासों द्वारा हो सका। यहां स्थापित गणेश जी की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊँची और विशाल गणेश जी की मूर्ति के रूप में विख्यात है।बडे गणेशजी की इस प्रतिमा के निर्माण में अनेक प्रकार के प्रयोग किए गए थे, जैसे की यह विशाल गणेश प्रतिमा सीमेंट से नहीं बल्कि ईंट, चूने व बालू रेत से बनी हैं और इससे भी विचित्र बात यह है कि इस प्रतिमा को बनाने में गुड़ व मेथीदाने का मसाला भी उपयोग में लाया गया था।

इसके साथ साथ ही इसको बनाने में सभी पवित्र तीर्थ स्थलों का जल मिलाया गया था तथा सात मोक्षपुरियों मथुरा, माया, अयोध्या, काँची, उज्जैन, काशी, व द्वारका से लाई गई मिट्टी भी मिलाई गई है जो इसकी महत्ता को दर्शाती है। इस प्रतिमा के निर्माण में ढाई वर्ष का समय लगा जिसके बाद यह मूर्ति अपने विशाल रूप में सबके समक्ष प्रत्यक्ष रूप से विराजमान है।

बडे गणेशजी मंदिर महत्व
बडे गणेशजी का मंदिर भक्तों के लिए एक पावन धाम है जहाँ पर आकर वह अपनी सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। इस मंदिर में सप्तधातु की पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति भी स्थापित है इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर भी बना है। बडे गणेश जी की प्रतिमा को बहुत दूर से भी देखा जा सकता है।

इसकी विशालता से प्रभावित हो लोग देश भर से यहाँ मूर्तिको देखने के लिए आते हैं। गणेश चतुर्थी के पावन समय यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है बडे गणेश जी के दर्शनो को करके सभी की चिंताओं का हरण होता है तथा सुख समृद्धि प्राप्त होती है। ” बडे गणेश जी मंदिर में दर्शन कर के हम लोग आकर ऑटो में बैठ गए ओर बाकी मंदिरों की ओर चल दिए। इसके बाद हम सीधा शक्तिपीठ, हरसिद्धि माता के मंदिर गए जिसका वर्णन हम विस्तार से कर चुके हैं। हरसिद्धि माता के मंदिर के बाद नंदू हमें सीधा चारधाम मंदिर में ले गया जो हरसिद्धि माता मंदिर के पास ही है।

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