IRCTC की पिलग्रिम ट्रेन:14 फरवरी से राजकोट से पांच ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए चलेगी ट्रेन, 3 टूरिस्ट ट्रेनें भी चलाई जाएंगी

IRCTC की पिलग्रिम ट्रेन:14 फरवरी से राजकोट से पांच ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए चलेगी ट्रेन, 3 टूरिस्ट ट्रेनें भी चलाई जाएंगी

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) फरवरी में दो पिलग्रिम स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन और मार्च में दो भारत दर्शन ट्रेन चलाने जा रही है। चारों ट्रेन राजकोट से चलेंगी और लौटकर वहीं जाएंगी। इन ट्रेनों में यात्रियों के लिए चाय, नाश्ता, दोपहर व रात का भोजन, ठहरने और घूमने के लिए बस का खर्च भी किराए में शामिल होगा। इसके अलावा किराए में ही यात्रियों के चार लाख का दुर्घटना बीमा भी रहेगा।…

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चौरासी महादेव दर्शन यात्रा

चौरासी महादेव दर्शन यात्रा

चौरासी महादेव दर्शन यात्रा  अधिकांश  श्रावण मास व अधिक मास में करते हैं अथवा जब समय हो, करें। देव दर्शन का कोई समय नहीं होता। चौरासी  महादेव महाकाल वन के अलावा महाकाल कुण्ड के चारों ओर बने हुए हैं अथवा रामघाट पर पिशाचमुक्तेश्वर  के बाहर पत्थर शीला  पर बने हुए हैं। पूजापा-जल पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शकर मिश्रित) कुंकू, अक्षत, चन्दन, फूलबत्ती, प्रसाद, दीपक, अगरबत्ती, जनेऊ, भेंट, अबीर, गुलाल, गणपति बनाने को खड़ी सुपारी, नाड़ा आदि। दर्शन  क्रम से अथवा फुटकर क्षेत्रीय…

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नौ नारायण दर्शन

नौ नारायण दर्शन

अनंतनारायण: इनका मंदिर अनंत पेठ, दानी दरवाजा के पास है। बुधवारिया में भी पुराने हाट क्षेत्र में मंदिर है। सत्यनारायण: ढाबा रोड़ व फ्रीगंज में शहीद पार्क से आगे चैराहे पर मंदिर है। पुरुषोत्तमनारायण: हरसिद्धि मंदिर के पास लीला पुरुषोत्तम, गोला मंडी में अग्रवाल धर्मषाला के सामने और क्षीरसागर के घाट पर मंदिर है। आदिनारायण: सिटी कोतवाली के सामने की गली में मंदिर है। शेषनारायण: क्षीरसागर पर मंदिर है। ढाबा रोड़ पर भी मंदिर है।…

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सप्तसागर यात्रा और दान

सप्तसागर यात्रा और दान

रूद्र सागर: हरसिद्धि पाल पर स्थान है। नमक और नंदी (बैल) की मूर्ति का दान है। पुष्कर सागर: नलिया बाखल में कुण्ड है, पीला वस्त्र, चना दाल व स्वर्ण का दान है। क्षीर सागर: नई सड़क पर तालाब है, साबूदाने की खीर और पात्र का दान है। गोवर्धन सागर: निकास चैराहे के पास तालाब है। माखन मिश्री, पात्र में गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र तथा पुरूष के वस्त्र को दान है। रत्नाकर सागर: ओंडासा गाँव में…

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धार्मिक कार्यक्रम

धार्मिक कार्यक्रम

कहावत है- उज्जैन में सात वार, नौ त्यौहार अर्थात् नगर में प्रतिदिन धार्मिक सामाजिक तीज त्यौहार के कुछ न कुछ कार्यक्रम होते रहते है | 1.पूजन आरती: प्रातः महाकाल की भस्मआरती तथा सायंकाल क्षिप्रा नदी की आरती होती है।  2.पर्व काल:इसमें सोमवती अमावस्य, शनिष्चरी अमावस्य, कार्तिक पौर्णिमा आदि पर्व पर श्रद्धालु जनता, क्षिप्रा स्नान, देव दर्षन, दान पुण्य कर पुण्यफल प्राप्त करते हैं। 3.कालीदास समारोह:प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल अकादमी से पौर्णिमा तक पाँच दिवसीय यह आयोजन…

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