अवंति पाश्र्वनाथ तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव में आयोजित धर्मसभा में बोले आचार्यश्री

व्यक्ति जब तक त्याग का महत्व नहीं समझता त्यागी होने के लिए पुरुषार्थ नहीं कर सकता

उज्जैन। व्यक्ति जब तक त्याग का महत्व नहीं समझता तब तक त्यागी होने के लिए पुरूषार्थ नहीं कर सकता। 
यह बात श्री अवंति पाश्र्वनाथ तीर्थ प्रतिष्ठा समारोह के लिए बसी अवंति नगरी के वाराणसी नगर में आयोजित धर्मसभा में आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वर मसा ने कही।

अवंति तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के संयोजक कुशलराज गोलेछा के अनुसार धर्मसभा के पूर्व आचार्यश्री ने आतंकवादी हमले में शहीद भारत के वीर जवानों की आत्म शांति हेतु उपस्थित समाज के करीब 3 हजार लोगों से नवकार मंत्र का जाप करवाया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

15 फरवरी को दोपहर में गांव सांझ का कार्यक्रम हुआ इसके पूर्व सुबह 6 बजे जन्म कल्याणक विधान, 9 बजे जन्म कल्याणक महोत्सव, इन्द्रासन कंपन सुघोषा घंट वादन, इद्र महोत्सव, मेरू पर्वत पर 250 अभिषेक हुआ।

दोपहर में श्री नाकोड़ा भैरव महापूजन हुआ तथा शाम 7 बजे आंगी भक्ति रोशनी (मंदिरजी) हुई। रात 8 बजे से भक्ति संध्या में वैभव बागमार बालोतरा, गजल गायक भूपत भावुक, गायिका झरना वोरा ने प्रस्तुति दी। रितेश जैन ने बताया श्री अवंति पाश्र्वनाथ दादा की भव्य प्रतिष्ठा में कला प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ।

स्वयं के लिए 15 मिनट, अन्य मंडल की प्रस्तुति 4 मिनट में निपटा दी

पक्षपात किए जाने से अन्य महिला मंडल नाराज 
अवंति पाश्र्वनाथ प्रतिष्ठा महोत्सव में शुक्रवार को उस समय पक्षपात दिखाई दिया जब आयोजक अवंति प्रतिष्ठा ग्रुप ने अपनी प्रस्तुति के लिए 15 मिनट का समय लिया और अन्य मंडलों की प्रस्तुतियों को 4-4 मिनट में ही खत्म कर दिया। इससे महिला मंडलों के परफॉर्मेंस अधूरे ही रह गए।

उन्होंने असंतोष जताते हुए इसे पक्षपात बताया। इसके बाद महिला मंडलों ने आगामी कार्यक्रमों का बहिष्कार कर दिया था लेकिन बाद में समझाइश के बाद मामला शांत हो गया। एक ओर जहां आचार्यश्री की प्रेरणा से शहर में भव्य एवं सुंदर आयोजन हो रहा है, वहीं कुछ लोग इसमें पक्षपात की भावना उत्पन्न कर रहे हैं।

कार्तिक मेला ग्राउंड पर श्री अवंति पाश्र्वनाथ तीर्थ प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शुक्रवार दोपहर जैन समाज के २८ महिला मंडलों की नृत्य और नाटक की धार्मिक प्रस्तुतियां होनी थीं। दोपहर 1:30 से शाम 5 बजे तक चले कार्यक्रम में प्रत्येक मंडल को अपनी प्रस्तुति देनी थी जिसके लिए 4 मिनट का वक्त दिया गया था।

प्रस्तुति के दौरान उस वक्त हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई जब आयोजक अवंति प्रतिष्ठा ग्रुप ने अपनी प्रस्तुति के लिए 15 मिनट का समय लिया और संचालिका ने दूसरे मंडल की प्रस्तुति 4 मिनट में ही खत्म कर दी। कई मंडलों की प्रस्तुति अधूरी ही रह गई।

इस संबंध में महिला मंडल सदस्यों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा प्रस्तुति के लिए काफी समय से ग्रुप सदस्य मेहनत कर रहे हैं और प्रस्तुति के दौरान इस तरह का पक्षपात किया जाना न्यायोचित नहीं है। सभी को समान रूप से प्रस्तुति देने का अवसर दिया जाना चाहिए था।

आचार्यश्री के निर्देशों का भी नहीं किया पालन
नाराज महिला मंडल की सदस्यों ने बतायाचूंकि यह धार्मिक आयोजन था। इसकी गाइड लाइन भी पहले से ही तय थी। तय गाइडलाइन के अनुसार प्रस्तुति देने आने वाले ग्रुप सदस्यों को मेकअप नहीं करना था।

इसका पालन सभी 28 ग्रुप ने किया लेकिन स्वयं आयोजक अवंति प्रतिष्ठा ग्रुप के सदस्य मेकअप कर प्रस्तुति देने पहुंचे, जबकि इस संबंध में पहले से ही बता दिया गया था।

ऐसे में सारे नियम-कानून हमारे ऊपर लागू होते हैं और उस मंडल पर नहीं, यह कितना उचित है। बता दें महिला मंडलों की आचार्यश्री ने बैठक लेकर मेकअप रूपी आडंबर करके नहीं आने की बात कही थी जिस पर सभी मंडलों ने सहमति दी थी। बावजूद इसके अवंति प्रतिष्ठा ग्रुप ने आचार्यश्री की बातों को दरकिनार कर दिया।

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