- भस्म आरती: बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार त्रिपुण्ड, भांग, चन्दन अर्पित करके किया गया!
- भस्म आरती: राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, त्रिपुण्ड, त्रिनेत्र, चन्दन और फूलों की माला अर्पित कर किया गया दिव्य श्रृंगार
- बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए 'गदर 2' के अभिनेता उत्कर्ष शर्मा, लगभग दो घंटे तक महाकाल की भक्ति में दिखे लीन; उत्कर्ष बोले- मेरे लिए बेहद अद्भुत अनुभव!
- भस्म आरती: वैष्णव तिलक, चन्दन का चंद्र, आभूषण अर्पित कर बाबा महाकाल का किया गया गणेश स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- पंजाब नेशनल बैंक की ओर से श्री महाकालेश्वर मंदिर को भेंट की गई दो ई-कार्ट, प्रशासक गणेश धाकड़ ने PNB के अधिकारियों का किया धन्यवाद
जीवन परिचय
विस्तृत विवरण
विभाग –
सामान्य प्रशासन
गृह
जेल
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन
जनसम्पर्क
नर्मदा घाटी विकास
विमानन
खनिज साधन
लोक सेवा प्रबंधन
प्रवासी भारतीय
एवं ऐसे अन्य समस्त विभाग जो किसी अन्य मंत्री को न सौंपे गए हो।
मंत्रालय कक्ष क्रमांक
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जिले का प्रभार
मंत्रालय फोन नं.
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निवास फोन नं.
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विधानसभा फोन नं.
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पता
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नाम – डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मप्र शासन
मुख्यमंत्री – मध्य प्रदेश शासन
जन्म – 25 मार्च 1965 उज्जैन
शिक्षा – बीएससी, एलएलबी, एमबीए, पीएचडी (राजनैतिक शास्त्र)
तीसरी बार उज्जैन दक्षिण विधान सभा से लगातार निर्वाचित।
पूर्व दायित्व: केबिनेट मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग, जुलाई 2020 से। उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में देश में पहली बार मप्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन, 54 नए महाविद्यालय खोले।
सन् 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा)।
सन् 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा)।
भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य. सन् 2013-2016 में भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक।
डॉ यादव को उज्जैन के समग्र विकास के लिए अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्मा गांधी पुरस्कार तथा इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया। उन्हें मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास के लिए वर्ष 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया गया। डॉ. यादव वर्ष 2013 में चौदहवीं विधान सभा, वर्ष 2018 में दूसरी बार पन्द्रहवी विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए। वे दिनांक 2 जुलाई, 2020 को केबिनेट मंत्री बने। डॉ. यादव वर्ष 2023 में सोलहवी विधानसभा के लिए तीसरी बार सदस्य निर्वाचित हुए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामय उपस्थिति में डॉ. यादव ने 13 दिसंबर 2023 को भोपाल में प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
छात्र राजनीति – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश के विभिन्न पदों पर रहे, राष्ट्रीय महामंत्री के पद के दायित्वों का निर्वहन किया। माधव विज्ञान महाविद्यालय में वर्ष 1982 में डॉ. यादव छात्र संघ के संयुक्त सचिव तथा 1984 में छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
सामाजिक क्षेत्र – डॉ. यादव वर्ष 2006 में भारत स्काउट एवं गाइड के जिलाध्यक्ष, मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष, वर्ष 2007 में अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष, वर्ष 1992, 2004 एवं 2016 सिंहस्थ उज्जैन केन्द्रीय समिति के सदस्य रहे।
वर्ष 2000-2003 तक विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद (सिंडीकेट) सदस्य के दायित्व का निर्वहन किया तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, विकलांग पुर्नवास केन्द्रों में सक्रिय भागीदारी निभाई।
राजनैतिक क्षेत्र – वर्ष 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष बने। वर्ष 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख रहे। वर्ष 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री, वर्ष 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री, वर्ष 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्डकार्यवाह, सायं भाग नगरकार्यवाह, वर्ष 1996 में खण्डकार्यवाह और नगरकार्यवाह, वर्ष 1997 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने।
डॉ. यादव वर्ष 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बनाये गये वे वर्ष 1999 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के उज्जैन संभाग प्रभारी, वर्ष 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री, वर्ष 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, वर्ष 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य तथा वर्ष 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष रहे।
धार्मिक क्षेत्र – विक्रमोत्सव-चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा आरंभ विक्रम संवत पर प्रारंभ होने वाले भारतीय नववर्ष मनाने की परंपरा, विगत 11 वर्षों से प्रतिवर्ष भव्य उत्सव शिप्रा तट पर आयोजित किया जाता है। धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए भारतीय संस्कृति, तीज, त्यौहार, रीति-रिवाज के पारंपरिक आयोजनों में शामिल होकर साहित्यिक, सांस्कृतिक, कला, विज्ञान, पुरातत्व, वेद ज्योतिष से जुडने हेतु जनमानस को अभिप्रेरित किया।
साहित्य: विक्रमादित्य शोधपीठ का गठन।
लेखन: उज्जैयनी का पर्यटन, विश्वकाल गणना के केंद्र डोंगला।
प्रकाशन: संकल्प शुभकृत, क्रोधी, विश्वावसु, पराभव आदि पुस्तकों का प्रकाशन।
विदेश यात्रा: अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान, बैंकाक, थाईलैंड, चीन, नेपाल, बर्मा, भूटान, म्यांमार, अरब देशों की यात्रा की।