शनिश्चरी अमावस्या पर्व की तैयारी:गार्डन में फव्वारें लगाने के निर्देश,प्रशासन ने भीड़ की संभावन को देखते हुए इंतजाम शुरू किए

उज्जैन। शाही सवारी सम्पन्न होने के बाद अब आला अधिकारी आगामी शनिवार को होने वाले पर्व शनिश्चरी अमावस्या की तैयारी में जुट गए है। इस दिन शिप्रा के त्रिवेणी घाट पर स्नान का महत्व होने से बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचते है। मंगलवार को शनि मंदिर और त्रिवेणी घाट की व्यवस्था देखने के लिए कलेक्टर और एसपी पहुंचे।

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर बड़ी संख्या में प्रदेश के कई जिलों से ग्रामीण श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पर स्नान कर भगवान शनि देव के दर्शन करने आते है। प्रशासन ने भीड़ की अधिकता को देखते हुए इंतजाम शुरू किए है। मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने अन्य अधिकारियों के साथ शनि मन्दिर जाकर निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के लिए निर्देश दिए है। कलेक्टर ने कहा है कि बारिश की स्थिति को देखते हुए शनि मन्दिर पर स्नान के लिए फव्वारे की व्यवस्था करने के साथ ही पुरूष एवं महिलाओं के लिए अलग स्नान व्यवस्था व चेंजिंग रूम बनाने के लिए कहा है।

प्रवेश द्वार के बाहर ही लगेगे फव्वारे

कलेक्टर आशीष सिंह ने शनि मंदिर के प्रवेश द्वार के पास स्थित गार्डन में फव्वारें लगाने के लिए कहा है। जिससे श्रद्धालु स्नान करने के बाद प्रवेश गेट से शनि मंदिर के दर्शन के लिए जा सकेगें। साथ ही श्रद्धालुओं के प्रवेश एवं निर्गम , पार्किंग , पेयजल ,अस्थाई शौचालय की व्यवस्था के निर्देश दिए है।

इस बार सिद्ध पितृ अमावस्या भी

ज्योतिषाचार्य अमर डिब्बेवाला ने बताया कि भाद्रपद मास की अमावस्या सिद्ध पित्र अमावस के नाम से भी जानी जाती है। यह सिद्ध इसलिए बताई गई है, क्योंकि जन्माष्टमी के ठीक पांचवे दिन इस अमावस्या का योग बना है। ऐसी मान्यता है की मुख्य व्रत त्यौहार के 5 दिवस के अंदर कोई बड़ा व्रत या त्यौहार आता है तो वह अपने कार्य की सिद्धि के लिए अनुकूल माना जाता है। इस दिन अपने पितरों के निमित्त तर्पण पिंडदान या विशिष्ट अनुष्ठान करना चाहिए।

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