अंतिम वर्ष विवि परीक्षाओं की प्रक्रिया दो दिन में तय करें: सीएम

भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के संबंध में बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा विवि परीक्षाओं में स्नातक में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष आैर स्नातकोत्तर परीक्षाओं में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं करवाने का निर्णय पूर्व में लिया है। पिछली परीक्षाओं के अंकों के आधार पर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। वहीं यूजीसी के नए निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाएं करवाई जाएंगी।  तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन करवाई जाएंगी। अन्य सभी कॉलेजों में ऑफलाइन परीक्षाएं कराने के संबंध में दो दिन में प्रक्रिया निर्धारित कर संबंधित विभाग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। भास्कर ने 15 जुलाई के अंक में अंतिम वर्ष सहित अन्य विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन में तकनीकी खामियों को उजागर किया था। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस आदि मौजूद थे।

 

30 सितंबर तक ली जानी हैं परीक्षाएं

बैठक में प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने बताया यूजीसी के नए निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक ली जाना है। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाना है। अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन/ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से की जा सकती है।

 

तकनीकी शिक्षा: अंतिम वर्ष परीक्षा ऑनलाइन

तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में ऑनलाइन आधार पर परीक्षा ली जाएंगी। पहले भी आरजीपीवी विवि द्वारा ऑनलाइन परीक्षा की जा चुकी हैं। आरजीपीवी के कुलपति ने बताया‍ तकनीकी शिक्षा अंतिम वर्ष में चार प्रश्न पत्र होने हैं। विवि के अंतर्गत अंतिम वर्ष में परीक्षा देने वाले लगभग 35 हजार विद्यार्थी हैं।

10 दिन में हो जाएगी प्रक्रिया निर्धारित

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया प्रदेश के महाविद्यालयों में 6 लाख विद्यार्थी हैं। इनकी ऑफलाइन परीक्षा के लिए प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परीक्षा इस प्रकार ली जाए कि कोरोना संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं रहे। इसके लिए दो दिन में प्रक्रिया निर्धारित कर प्रस्तुत की जाए। इसके बाद इस संबंध में आगामी निर्णय लिया जाएगा।

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