- 17 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी: उज्जैन में जश्न का माहौल, ढोल की थाप और आतिशबाजी के साथ BJP कार्यकर्ताओं ने किया CM के फैसले का स्वागत
- उज्जैन में बेखौफ चोरों का कारनामा, घर से 3 मिनट में 2 लाख की बाइक चुराई; सीसीटीवी में कैद हुई चोरों की चतुराई
- भस्म आरती: बिलपत्र चंद्र से बाबा महाकाल का किया गया राजा स्वरूप श्रृंगार!
- Scholarship की देरी! उज्जैन के नाराज SC-ST छात्रों ने किया जोरदार प्रदर्शन, टॉवर चौक पर दिया धरना; कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
- नीमच में आधी रात हुआ हाई-वोल्टेज ड्रामा: ग्रामीणों ने पुलिस को बना लिया बंधक, फिर हुआ लाठीचार्ज और दागे गए आंसू गैस के गोले ...
अंतिम संस्कार के लिए भी संघर्ष:त्रिवेणी मोक्ष धाम पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी और कंडे नहीं मिल रहे, गोडाउन पर लगा है ताला
- ट्रस्ट और नगर निगम की खींचतान के चलते बिगड़ी व्यवस्था
- यहां नगर निगम की ओर सीएनजी शवदाह गृह का संचालन किया जा रहा
इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी मोक्ष धाम पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी-कंडे तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। यहां स्थित गोडाउन पर ताला लगा है। कोरोना काल से यह नगर निगम के अधीन है और निगम के कर्मचारियों ने यहां के गोडाउन पर ताला लगा रखा है। त्रिवेणी मोक्ष धाम सार्वजनिक पारमार्थिक न्यास और नगर निगम के बीच में इसका संचालन उलझा हुआ है। कोरोना काल के पहले त्रिवेणी मोक्ष धाम सार्वजनिक पारमार्थिक न्यास द्वारा संचालन किया जा रहा था और कोरोना काल में नगर निगम ने इसे अपने अधीन ले लिया था।
उस समय उपलब्ध लकड़ी-कंडों का उपयोग निगम ने किया था, जो कि ट्रस्ट के थे। त्रिवेणी मोक्ष धाम पर हर रोज तीन से चार शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया जाता है। मोक्ष धाम पर लकड़ी-कंडे नहीं होने से लोगों को इनके इंतजाम में जुटना पड़ता है। ट्रस्ट के दीपक पुरोहित का कहना है कि कोरोना काल के समय नगर निगम ने न्यास से मोक्ष धाम ले लिया था यानी निगम के अधीन हो गया था। उस समय यहां करीब सात टन लकड़ी थी, जिसका उपयोग कोरोना काल में लोगों की मौत होने पर अंतिम संस्कार में कर दिया गया। अब नगर निगम की ओर से लकड़ी-कंडे की उपलब्धता या इसका हिसाब ट्रस्ट को नहीं दिया जा रहा है। निगम मोक्ष धाम को भी ट्रस्ट को हैंडओवर नहीं कर रहा है। ऐसे में ट्रस्ट इसका संचालन नहीं कर पा रहा है। गोडाउन पर ताला लगा हुआ है। नए शहर के रूप में विकसित हो रहे इंदौर रोड की कॉलोनियों में किसी का निधन होने पर अंतिम संस्कार के लिए त्रिवेणी के समीप मुक्ति धाम का निर्माण किया था।
निगम हिसाब दे और ट्रस्ट को मोक्ष धाम वापस हैंडओवर करें
ट्रस्टी अजय लाला जागीरदार का कहना है कि माेक्ष धाम नगर निगम के अधीन है। कोरोना से पहले मोक्ष धाम का संचालन त्रिवेणी मोक्षधाम सार्वजनिक पारमार्थिक न्यास द्वारा किया जा रहा था। लकड़ी-कंडे जो डेढ़-दो लाख के थे, उसका निगम की ओर से हिसाब नहीं दिया जा रहा है। ट्रस्ट के पदाधिकारी नगर निगम आयुक्त से जनवरी में मिले थे। उन्हें लकड़ी-कंडे की नगर निगम की पावती भी दिखाई थी। उसके बाद भी मोक्ष धाम को ट्रस्ट को हैंडओवर नहीं किया जा रहा है और न हिसाब दे रहे हैं।
2017-18 में बना था मोक्ष धाम
वर्ष-2009 में ट्रस्ट का गठन किया गया और उसके बाद त्रिवेणी मोक्ष धाम का निर्माण शुरू करवाया गया। 2017-18 में पूर्ण होने के बाद इसका संचालन शुरू कर दिया था। यहां नगर निगम की ओर सीएनजी शवदाह गृह का संचालन किया जा रहा है।
समस्या का निदान करवाएंगे
त्रिवेणी मोक्ष धाम के संचालन और यहां लकड़ी-कंडे की समस्या मेरे संज्ञान में आई है। इसे लेकर अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का निदान करवाया जाएगा।
मुकेश टटवाल, महापौर