अब यहां मवेशियों को मिलेगी सुरक्षा, नहीं भटकेंगे दर-दर

शहर और राष्ट्रीय राजमार्ग पर घुम रहे मवेशी आए दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। वहीं कई बार ये दुर्घटना का कारण भी बन रहे है। लगातार बढ़ती जा रही मवेशियों की समस्या को हल करने के लिए गत दिनों आयोजित शांति समिति की बैठक में शहर में घुमने वाले मवेशियों का मुद्दा सामने आने पर कलेक्टर डॉ. वीरेंद्रसिंह रावत ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी मवेशियों को आगर-मालवा जिले में स्थित सालरिया गौ-अभ्यारण में भेजने के निर्देश जारी किए थे। कलेक्टर के इन निर्देशों का असर शुक्रवार को दिखाई दिया। जबकि नपा के अमले ने शहर के मुख्य मार्गों से घेरकर मवेशियों को स्टेडियम में एकत्रित किया। यहां से चार बड़े ट्रकों में भरकर करीब 125 से ज्यादा मवेशियों को पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में गौ-अभ्यारण पहुंचाया गया।

बायपास पूरा नहीं होने के कारण शहर के बीच से निकले हाइवे से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते है। इन वाहनों में से अधिकांश वाहन चालकों को हाइवे पर मवेशियों से बचाकर अपने वाहन निकालना पड़ते है। ऐसे में कई बार मवेशियों की धमा-चौकड़ी के कारण दुर्घटनाएं भी हो जाती है। जिससे लगभग प्रतिदिन कहीं न कहीं कोई मवेशी घायल हो जाता है। कई बार छोटे वाहनों की चपेट में आने से मवेशी के साथ-साथ वाहन चालक भी घायल हो जाते है। इसके बाद भी इन्हें हटाने वाला कोई नहीं दिखाई देता है। सडक़ पर घुमने और बैठे रहने वाले मवेशियों से हर वर्ग को परेशानी हो रही है। इसी माह 2 सितंबर को आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिला मुख्यालय से करीब 5 किमी दूर ग्राम सनकोटा के समीप अलसुबह अज्ञात वाहन ने हाइवे पर बैठी 13 गायों को रौंद दिया था। इससे सभी गायों की मौत हो गई। इस घटना के बाद मांग उठी थी कि सडक़ पर बैठे रहने वाले मवेशियों को हटाया जाए, लेकिन बाद में मामला आया-गया हो गया। इसके बाद कुछ दिन पहले भी इसी स्थान पर अज्ञात वाहन ने गाय को टक्कर मार दी थी। कलेक्टर डॉ. रावत ने शहर में फैले हुए मवेशियों की परेशानी को देखते हुए गत दिनों आयोजित शांति समिति की बैठक में मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देश जारी किए थे। जिसमें शहर में घुम रहे मवेशियों को पकडकऱ आगर-मालवा जिले के गौ अभ्यारण में पहुंचाने की व्यवस्था करने को कहा था। इसके चलते गुरुवार को शहर के आजाद चौक से लेकर नई सडक़ क्षेत्र में सडक़ पर घुमने वाले मवेशियों को नपाकर्मियों ने घेरकर शहर से बाहर स्टेडियम में पहुंचाया था। नपाकर्मियों ने बताया कि करीब 20 कर्मचारी मिलकर इन मवेशियों को शहर से बाहर निकालकर स्टेडियम पर पहुंचाया गया है। यहीं से शुक्रवार को चार बड़े ट्रक में भरकर मवेशियों को गौ-अभ्यारण भेजा गया।

 

पुलिस वाहन ने छोड़ा दूसरे थाना क्षेत्र तक

स्टेडियम से चार बड़े ट्रकों में भरकर मवेशियों को साथ में लेकर लालघाटी थाना पुलिस ने आगर-मालवा जिले के कानड़ तक पहुंचाया था। इसके बाद कानड़ से आमला तक कानड़ थाने की पुलिस ने वाहनों को पहुंचाया। वहां से आगे दूसरे थाने की पुलिस वाहनों को साथ लेकर गौ-अभ्यारण पहुंची।

डॉक्टरी जांच तो कराई, लेकिन मवेशियों का नहीं रखा ध्यान-स्टेडियम से गौअभ्यारण तक पहुंचाने के पहले प्रत्येक मवेशी की जांच पशु चिकित्सकों से कराई गई। इस दौरान पशु चिकित्सा विभाग से पशु चिकित्सक डॉ. कौसर कादरी और डॉ. नेहा वास्केल ने मवेशियों की जांच की। स्वस्थ मवेशियों को बड़े ट्रकों में भरा गया। नपाकर्मियों ने मवेशियों के स्वास्थ्य की जांच तो कराई, लेकिन वाहन में मवेशियों की सुविधा का ध्यान नहीं रखा। दरअसल किसी भी बड़े वाहन में मवेशियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले-जाने के लिए वाहन के अंदर घास या बग्दा भरा जाता है। जिससे वाहन के ब्रेक लगाने पर मवेशियों का संतुलन नहीं बिगड़े, लेकिन शुक्रवार को शहर से बाहर भेजे गए मवेशियों के लिए इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई। गौ सेवा करने वालों की माने तो यदि वाहन तेज गति में चलते हुए अचानक ब्रेक लगाए तो मवेशियों के पैर फिसलने से वे गिरकर घायल हो सकती है। यहां तक की मवेशियों की मौत भी हो सकती है।

शुक्रवार को करीब 125 से ज्यादा मवेशियों को गौ-अभ्यारण पहुंचाया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर उक्त कार्रवाई की गई है। आज मवेशियों को भेजने के दौरान वाहन में घास या बग्दा बिछाने की बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन अगली बार जब वाहनों में मवेशियों को भरकर बाहर भेजा जाएगा तो इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा। हालांकि वाहन चालक बहुत धीमी गति से वाहन चलाकर ले गए। जिससे किसी प्रकार से मवेशियों को नुकसान नहीं होगा।

भूपेंद्रकुमार दीक्षित, मुख्य नगर पालिका अधिकारी-शाजापुर

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