आओ, शहर को साइकिलिंग फ्रेंडली बनाएं, आपके सुझाव पर स्मार्ट सिटी देगी सुविधाएं

देश के 100 स्मार्ट सिटी शहरों के बीच केंद्र सरकार ने नई स्पर्धा इंडिया साइकिल्स चैलेंज शुरू की है। इसमें भाग लेने वाले शहरों में से ऐसे 11 टॉप शहर चुने जाएंगे जो अपने यहां साइकिलिंग के लिए अच्छे सुधार सुझाएंगे। इनको लागू करने के लिए केंद्र सरकार एक-एक करोड़ रुपए देगी। फायदा यह होगा कि नागरिक साइकिलिंग के लिए प्रेरित होंगे। इससे न केवल उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि सड़कों पर मोटर चलित वाहनों की भीड़ कम होगी। कोरोना के दौर में अपने आप को फिट रखने के लिए कई शहरों में जागरुक लोगों ने साइकिलिंग की। इसके अच्छे नतीजों ने विशेषज्ञों को भी प्रभावित किया है। केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने 100 स्मार्ट शहरों को साइकिलिंग के लिए तैयार करने की शुरुआत स्पर्धा के रूप में की है। इनमें उज्जैन भी शामिल है। स्पर्धा में यहां के नागरिकों को ऑनलाइन भाग लेना होगा। उनसे ऐसे सवाल पूछे जाएंगे तथा सुझाव लिए जाएंगे जिससे शहर साइकिलिंग फ्रेंडली बन सके। सबसे अच्छे सुझाव और प्रोजेक्ट बनाने वाले 11 शहरों को सरकार इन योजनाओं को लागू करने के लिए एक-एक करोड़ अनुदान देगी। नतीजे अक्टूबर में घोषित किए जाएंगे। उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के ईडी क्षितिज सिंघल के अनुसार नागरिक अधिक से अधिक संख्या में इसमें भाग लेकर जवाब दें ताकि शहर को साइकिलिंग फ्रेंडली बनाया जा सके। नागरिकों को 15 अगस्त तक इसमें भागीदारी करना है। इसमें 14 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही शामिल किया जाएगा।

 

पहले प्रयोग करेंगे, फिर बनाएंगे योजना

साइकिलिंग के लिए प्रोजेक्ट बनाने के पहले अधिकारी सड़कों पर प्रयोग करेंगे। यानी किसी क्षेत्र में सड़क पर साइकिल लेन की जरूरत है तो वहां पहले बेरिकेडिंग कर लेन बनाई जाएगी। उसका अध्ययन करेंगे। इसके बाद प्रोजेक्ट बनाएंगे। सभी योजनाएं नागरिकों के सुझाव पर ही बनेंगी। ताकि लोगों की भागीदारी बढ़े और वे उसका उपयोग करने के लिए भी तैयार हों। योजनाएं लागू करने से साइकिलिंग बढ़ाने में सफलता मिलती है तो सरकार और फंड दे सकती है।

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