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आज से बदल गई महाकालेश्वर मंदिर की संपूर्ण दर्शन व्यवस्था
उज्जैन। कोरोना संक्रमण की वजह से 17 माह बाद आम श्रद्धालुओं को भस्मार्ती दर्शन की अनुमति मंदिर समिति द्वारा आज से देने के साथ ही मंदिर की दर्शन व्यवस्थाओं में भी पूरी तरह बदलाव कर दिया गया है। भस्मार्ती दर्शनों के लिये निर्धारित 150 नि:शुल्क लोगों की परमिशन के अलावा दर्शन करने वालों ने 100 व 200 रुपये शुल्क दिया वहीं वीआईपी, प्रोटोकॉल से दर्शन करने वालों ने भी 100 रुपये शुल्क देकर भगवान के दर्शन किये। सामान्य दर्शनार्थियों को बड़ा गणेश मंदिर के सामने से प्रवेश दिया जा रहा है।
इस प्रकार देना होगा भस्मार्ती व वीआईपी शुल्क
मंदिर समिति सदस्यों ने चर्चा में बताया कि भस्मार्ती दर्शनों के लिये 150 लोगों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर हरिफाटक ब्रिज के पास जिला पंचायत के हाट बाजार भवन स्थित कार्यालय से भस्मार्ती टिकिट मिल रहे हैं। इसके अलावा 350 वीआईपी और प्रोटोकॉल से दर्शन करने वालों को 100 रुपये शुल्क चुकाना है और 500 लोगों को 200 रुपये ऑनलाइन अथवा कार्यालय से शुल्क देकर भस्मार्ती दर्शन परमिशन प्राप्त करना है। वहीं भस्मार्ती के अलावा अन्य समय में वीआईपी अथवा प्रोटोकॉल से लोगों को दर्शन करना हैं तो उन्हें 100 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना होगा वहीं शीघ्र दर्शन के लिये 250 रुपये टिकिट व्यवस्था पूर्ववत जारी है।
किसे कहां से मिल रही इंट्री
आज से बदली महाकालेश्वर मंदिर दर्शन व्यवस्था के अनुसार भस्मार्ती दर्शनों हेतु गेट नंबर 4 बड़ा गणेश मंदिर के सामने से घाटी चढ़कर बेरिकेड्स के रास्ते प्रवेश दिया गया। इसी रास्ते से शीघ्र दर्शन 250 रुपये, वीआईपी व प्रोटोकॉल 100 रुपये शुल्क वालों को भी इसी रास्ते से प्रवेश दिया जा रहा है। सामान्य दर्शनार्थियों को बड़ा गणेश के सामने से रूद्रसागर के पास से शंख द्वार होते हुए टनल के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। खास बात यह कि पूर्व में लागू वीआईपी व्यवस्था अंतर्गत मंदिर धर्मशाला से प्रवेश कर कोटि तीर्थ से होकर मंदिर में प्रवेश का मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है। वीवीआईपी को गेट नंबर 4 भस्मार्ती गेट से प्रवेश देकर कोटितीर्थ की ओर से प्रवेश दिया जा रहा है।
नियमित और सेटिंग से प्रवेश वालों का हंगामा
महाकालेश्वर मंदिर में सैकड़ों लोग ऐसे हैं जो नियमित दर्शनों के लिये मंदिर पहुंचते हैं। उन्हें आज नई व्यवस्था के अंतर्गत सामान्य दर्शनार्थियों के साथ प्रवेश दिया गया जिससे लोग नाराज हो गये। उनका कहना था कि मंदिर समिति द्वारा हमें पास दिये गये हैं लेकिन कर्मचारियों ने उनकी एक बात नहीं सुनी। इसके अलावा पंडे पुजारियों के ऐसे प्रतिनिधि और यजमान जिन्हें समिति द्वारा पास बनाकर नहीं दिये गये उन्हें भी प्रवेश नहीं दिया गया। खास बात यह कि जो लोग वीआईपी और शीघ्र दर्शन प्रवेश द्वार के पास बैठकर सेटिंग से लोगों को प्रवेश कराते थे वह कहीं नजर नहीं आये।
हाईकोर्ट जज का शुल्क कलेक्टर ने दिया
दिल्ली हाईकोर्ट के जज सुबह वीआईपी व्यवस्था के अंतर्गत महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनों को पहुंचे। मंदिर कर्मचारियों में चर्चा रही कि हाईकोर्ट जज के तीन टिकिटों का वीआईपी शुल्क 100 रुपये के मान से 300 रुपये कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा जमा कराने के बाद रसीद प्राप्त की गई है। ऐसे ही अनेक शासकीय विभागों के अफसरों के वीआईपी दर्शन व्यवस्था की रसीद उसी विभाग के कर्मचारी अपनी जेब से कटवा रहे हैं। वहीं नेता भी हाटबाजार स्थित कार्यालय पहुंचकर 100 रुपये का टिकिट खरीदते नजर आये।