सुबह 4 बजे महाकाल मंदिर के पट खुले, वीरभद्र के कान में हुआ स्वस्तिवाचन; महाकाल को चढ़ी भस्म, पंचामृत और रजत मुकुट से हुआ दिव्य श्रृंगार!
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