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उज्जैन के नानखेड़ा स्टेडियम की कीमत इतनी…प्राधिकरण ने बेचने निकाला ऑफर
उज्जैन विकास प्राधिकरण ने पहली बार नानखेड़ा स्टेडियम को निजी हाथों में देने की तैयारी, इंदौर फोरलेन पर 20 एकड़ में फैला हुआ है स्टेडियम
उज्जैन. नानाखेड़ा पर 10 साल से अधूरा पड़ा राजमाता विजयाराजे सिंधिया खेल स्टेडियम अब विकसित हो सकेगा। ऐसा उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निकाले गए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट ऑफर से होगा। प्राधिकरण ने २० एकड़ में फैले स्टेडियम को निजी हाथों में देने के लिए ६० करोड़ रुपए की कीमत रखी है। वहीं स्टेडियम को लेने के लिए इंदौर, पुणे और मुंबई की खेल संस्थाओं ने भी रुचि दिखाई। इसके अलावा विदेशी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी जानकारी मांगी है। प्राधिकरण अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि अगले दो महीने में स्थिति साफ होगी और स्टेडियम को विकसित करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
प्राधिकरण ने खेल गतिविधियों के लिए नानाखेड़ा पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया खेल स्टेडिमय बनाया है। इस स्टेडियम में खेल गतिविधियां संचालित हो इसके लिए खेल संस्थाओं को देने की कोशिश भी की थी लेकिन संस्थाएं आगे नहीं आ पाई थी। वहीं अब प्राधिकरण ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट का ऑफर निकाला है, जिसके तहत २० एकड़ में फैले स्टेडियम को ६० करोड़ रुपए में निजी खेल संस्थाओं को दिया जाएगा। जो तय समय अवधि में स्टेडियम को विकसित करेंगी और खेल गतिविधियां संचालित करेंगी। प्राधिकरण अधिकारी बता रहे हैं कि स्टेडियम को लेने के लिए इंदौर, पुणे व मुंबई की संस्थाओं ने रुचि दिखाई है और इस संबंध में जानकारी ली है। वहीं विदेश से भी दो खेल संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने संपर्क साधा है। अगर खेल संस्थाएं लेती हैं तो वह स्टेडियम का विकास कर इसे तैयार करेगी। दरअसल स्टेडियम के विकास में १०० से १५० करोड़ रुपए का खर्चा है। चूंकि प्राधिकरण इतनी राशि खर्च नहीं कर सकता इसलिए निजी खेल संस्थाओं को देकर इसका विकास किया जाएगा। हाल ही में प्राधिकरण ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट का ऑफर की अवधि बढ़ाकर १० फरवरी की है। ऐसे में उम्मीद है कि अगले दो महीने में स्टेडियम के विकास का रास्ता साफ हो जाएगा
इस तरह विकसित होगा स्टेडियम
- प्राधिकरण से निजी खेल संस्था स्टेडियम लेगी। इसमें एक तय अवधि में स्टेडियम तैयार करना होगा।
- संस्थाएं अपने खर्चे से स्टेडियम में खेल सुविधाएं विकसित करेगी।
- संस्था स्टेडियम का निर्माण व अन्य कार्य टाउन एंड कंट्री प्लानिंग तथा नगर निगम से स्वीकृति के बाद करेगी।
- संस्था यहां पर यूटीलिटी शॉप खोलकर व्यावसायिक गतिविधि भी कर सकेगी।
- स्टेडियम तैयार होने पर यहां खेल गतिवधियों के लिए निश्चित शुल्क भी लेगी।
बीओटी के तहत भी स्टेडियम को देने की योजना
नानाखेड़ा स्टेडियम को बीओटी के तहत भी खेल संस्थाओं को देने की योजना है। प्राधिकरण अधिकारी बता रहे हैं कि संस्थाएं एकमुश्त राशि नहीं मिल पाती है तो संस्थाए बीओटी के तहत इसका विकास कर सकती है। इसमें संस्थाओं से २० से ३० वर्ष तक का अनुबंध किया जा सकता है, जिसमें निर्माण के साथ ही किस्तों में राशि दी जा सकेगी। हालांकि अधिकारी बता रहे हैं कि संस्थाओं के प्रस्ताव आने के बाद कई अन्य शर्तें व समझौते में बदलाव भी हो सकते हैं।
होल्कर स्टेडियम से दोगुना बड़ा नानाखेड़ा स्टेडियम
इंदौर के उषा राजे होल्कर स्टेडियम से नानाखेड़ा स्टेडियम दो गुना बड़ा है। होल्कर स्टेडियम में ७ एकड़ में बना है जबकि नानाखेड़ा स्टेडियम की जमीन २० एकड़ के करीब है। इसके अलावा होल्कर स्टेडियम के आसपास जगह की कमी और रास्ते भी संकरे हैं। वहीं नानाखेड़ा स्टेडियम के दो तरफ ४५-४५ मीटर, एक तरफ ६० मीटर व एक और १८ मीटर की सड़क है। वहीं स्टेडियम इंदौर फोरलेन से लगा हुआ है।
एक मैच में 80 से 90 लाख रुपए की आय
नानाखेड़ा स्टेडियम अगर विकसित होता है तो यहां पर एक अंतरराष्ट्रीय मैच से ही ८० से ९० लाख रुपए तक की आय हो सकती है। वहीं रणजी सहित अन्य क्रिकेट प्रतियोगिता में भी अच्छी खासी होगी। इसके अलावा स्टेडियम में इंडोर खेलों की सुविधा भी होती है तो इसके भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैच हो सकते हैं, जिससे खासी आय हो सकती है। इसके अलावा स्टेडियम के विकसित होने से शहर की खेल गतिविधियां बढ़ेगी और शहर का विकास भी होगा।
नानाखेड़ा स्टेडियम एक नजर में
- वर्ष १९९६ में स्टेडियम बनाने के लिए प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव तैयार किया गया था
- वर्ष २००० में किसान से जमीन अधिग्रहण कर अवॉर्ड पारित किया गया था।
- वर्ष २००७-०८ में स्टेडियम के तीन ओर बाउंड्रीवॉल व गेट बनाए गए थे। हाल ही में प्राधिकरण ने स्टेडियम की जमीन को समतल किया है।
- बीते वर्षों में खेल गतिविधियां तो नहीं लेकिन राजनीतिक आयोजन होत रहे हंैं।
इनका कहना
नानाखेड़ा स्टेडियम के लिए निकाले गए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट का ऑफर में इंदौर, पुणे और मुंबई की संस्थाओं ने रुची दिखाई है। विदेश की संस्था ने भी संपर्क साधा है। संस्थाएं स्टेडियम को ६० करोड़ रुपए में लेकर इसे एक तय अवधि में विकसित कर खेल गतिविधियां शुरू करेगी। अगले महीने तक स्टेडियम को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी।
– विनोद सिंघई, कार्यपालन यंत्री, यूडीए