उज्जैन में आंकड़ा बढ़ा तो संदेही मौत की सैंपलिंग ही रोक दी

उज्जैन में मौत के आंकड़े बढ़े तो स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के संदेह में मौत होने पर सैंपल लेना ही बंद कर दिए। इससे उन परिवारों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, जहां किसी की संदेहास्पद मौत हुई है। 2 मई तक संदेही मौत पर भी सैंपल लिए जा रहे थे। संक्रमित पाए जाने पर परिजनों व संपर्क वालों के सैंपल लिए आते थे और लक्षण वाले लोगों को अस्पताल तथा बाकी को होम क्वारेंटाइन किया जाता था। सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल का तर्क है कि एम्स की गाइडलाइन के तहत सैंपलिंग बंद की है। वहीं सांसद अनिल फिरोजिया और कांग्रेस ने आपत्ति जताई है कि सैंपल नहीं लेंगे तो कैसे पता चलेगा कि मृतक संक्रमित था या नहीं। विभाग ने सर्दी-खांसी और सांस की तकलीफ वाले मरीजों की मौत के बाद सैंपल लिए थे तो ऐसे छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इनके परिजन भी पॉजिटिव निकले। गौरतलब है कि उज्जैन में सबसे ज्यादा मृत्यु दर होने से दिल्ली तक हड़कंप मच गया था।  उसके बाद ही मृतकों के सैंपल लेना बंद कर दिए गए।

वहीं उज्जैन में कोरोना से 45 मौतों की जांच कर रहे केंद्रीय दल ने रिपोर्ट में लिखा है कि ज्यादातर मौतों के पीछे मरीज का अन्य बीमारियों से भी ग्रसित होना कारण हो सकता है, जबकि आठ की मृत्यु का कारण देरी से अस्पताल पहुंचाना है।

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