उज्जैन में प्लास्टिक बैग और डिस्पोजल होंगे पूरी तरह बंद

उज्जैन। अब आपके यहां शादी हो या फिर कोई मांगलिक कार्यक्रम आपको डिस्पोजल की जगह अब स्टील की थाली, कटोरी, चम्मच और यहां तक कि पानी के लिए ग्लास स्टील के ही उपयोग में लाना होंगे। दरअसल भारत सरकार २ अक्टूबर महात्मा गांधी की जयंती से प्लास्टिक बैग, कप समेत 6 प्लास्टिक प्रोडक्ट पर प्रतिबंध लगा रही है।

 

शहर में हैं 100 से अधिक दुकानें
उद्योग संघ के महासचिव अशोक सीतलानी के अनुसार शहर में डिस्पोजल, पॉलीथिन आदि का उत्पादन करने वाली फैक्टरियां नहीं है। शहर में सौ से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें है, जहां डिस्पोजल, प्लास्टिक बैग, कप आदि बेचे जाते है और इन्हें इंदौर से मंगवाया जाता है।

प्लास्टिक के जिन प्रोडक्ट पर प्रतिबंध लगाया जाएगा उनमें पचास माइक्रोन से कम की प्लास्टिक थैलियां, बगैर सिली हुई पॉलीथिन, गिफ्ट लपेटने या पैक करने के प्लास्टिक, शरबत, कोल्ड्रिंग पीने की स्ट्रॉ, कटलरी में फोम वाले कप बाउल व प्लेटें, कटलरी में चमकीली परत चढ़े लेमेनेटेड बाउल व प्लेटें, कटलरी में छोटे प्लास्टिक के कप, डिब्बे १५० मिली. और पांच ग्राम से वजन के, कान साफ करने की काड़ी, गुब्बारों, झंडियों, मोमबत्तियों के लिए प्लास्टिक की काडिय़ां, सिगरेट के मूठ, फैलाए हुए थर्माकोल, पानी के अलावा किसी भी प्रकार के पेय के लिए छोटे प्लास्टिक, प्लास्टिक बोतलें, दो सौ मिली. से कम की, सड़क के किनारे लगने वाले बैनर १०० माइक्रोन से कम।

 

कागज के दोने-पत्तल नहीं प्रभावित
दोना पत्तल व्यापार से जुड़े संतोष धामानी ने बताया कि दोने पत्तल कागज से ही बनाए जाते है। सिल्वर और गोल्डन कलर के दोने पत्तलों को बनाने के लिए प्लास्टिक नहीं, स्प्रे का उपयोग भी किया जाता है।

 

आदेश नहीं आए अभी
अभी हमारे पास किसी तरह के आदेश नहीं आये है। वैसे भी हमने पहले से ही पॉलीथिन, डिस्पोजल आयटम्स पर प्रतिबंध लगा रखा है।

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