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केडीगेट-अंकपात चौड़ीकरण में जिनके पूरे मकान जाएंगे, उन्हें सरकार देगी मकान
उज्जैन | केडी गेट से अंकपात मार्ग के चौड़ीकरण में जिनके पूरे मकान लिए जाएंगे, उन्हें प्रधानमंत्री आवास या जेएनएनयूआरएम योजना में बने मकान दिए जाएंगे। ढाई किलोमीटर लंबे इस मार्ग की मौजूदा चौड़ाई 20 से 30 फीट है, चौड़ीकरण के बाद यह यह 50 फीट चौड़ा मार्ग बन जाएगा। इसका फायदा इस इलाके के रहवासियों, व्यापारियों के साथ तीर्थ यात्रियों को भी मिलेगा। मंगलनाथ से महाकाल जाने के लिए यह सीधा मार्ग मिल जाएगा।
पुराने उज्जैन का यह प्रमुख मार्ग था। महाकाल, रामघाट जाने वाले लोग इसी से होकर आते-जाते थे। समयांतर में नए मार्ग विकसित हो गए। जिससे इस सकरे मार्ग पर यातायात कम हो गया। सिंहस्थ 2016 की आयोजना में इस मार्ग के चौड़ीकरण को शामिल किया गया था। इस तर्क के साथ कि मंगलनाथ क्षेत्र से महाकाल और रामघाट जाने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। इसके लिए 23 करोड़ रु. की योजना को भी मंजूरी दी गई। नगर निगम परिषद ने भी इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी। समय कम होने से केवल कमरी मार्ग का चौड़ीकरण हो सका। सिंहस्थ बाद इस मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर फिर से कोशिश की जा रही है। पूर्व में दो बार मकानों की नपती कर निशान भी लगाए गए लेकिन मुआवजे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से योजना रोकना पड़ी। गौरतलब है कि राज्य शासन स्पष्ट कर चुका है कि चौड़ीकरण योजनाओं में मुआवजे की राशि नहीं दी जाएगी। नगर निगम को ही अपने स्तर पर योजना के लिए धनराशि का बंदोबस्त करना होगा। फिलहाल निगम के बजट में योजना के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। संभावना है अगले बजट में इसके लिए राशि रखी जा सकती है।
18 मकानों की पूरी जमीन जाएगी
पार्षद सपना सांखला के वार्ड नौ के रहवासी ज्यादा प्रभावित होंगे। उनका कहना है पूर्व में मुआवजे की मांग उठी थी पर सरकार मना कर चुकी है। मार्ग का चौड़ीकरण होना चाहिए, इससे किसी को भी इंकार नहीं है। लेकिन जिन 18 लोगों के पूरे मकान की जमीन जा रही है, उन्हें निगम को अन्य जगह आवास देना चाहिए ताकि वे बेघर न हो। अधिकारियों से कहा है कि वे पहले नोटिस बांटे ताकि लोगों की प्रतिक्रिया सामने आ सके। पूर्व पार्षद जगदीश पांचाल कहते हैं- प्रभावित लोगों को भले मुआवजा न मिले लेकिन उन्हें अन्य तरीके से मदद मिलना चाहिए। विकास में सहयोग करने वालों के लिए निगम भी योजना बना सकता है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी इस सिद्धांत को माना है।
करीब ढाई किमी लंबे इस मार्ग में वार्ड 2, 8, 9, 10, 11 व 14 लगते हैं। इन वार्डों के रहवासी प्रभावित होंगे। इन वार्डों के पार्षद व रहवासी चौड़ीकरण को लेकर सक्रिय हो गए हैं। निगम अधिकारियों से वे योजना को लेकर पूछताछ कर रहे हैं। इन रहवासियों को कुछ महीने पहले भी नोटिस दिए गए थे। तब पार्षदों ने बारिश बाद नोटिस देने का कह कर निगम अधिकारियों को रोक दिया था। अब निगम दोबारा नोटिस देकर कार्रवाई शुरू करेगा।
नागरिकों की सहमति से योजना लागू होगी
निगम परिषद अध्यक्ष सोनू गेहलोत का कहना है कि परिषद सैद्धांतिक रूप से योजना को मंजूरी दे चुकी है। योजना का क्रियान्वयन होना है। सभी की सहमति से इसे लागू किया जाएगा। नागरिकों का मन भी बन चुका है। कुछ मुद्दे हो सकते हैं जिनका समाधान किया जा सकता है। इसका चौड़ीकरण जरूरी है। इससे कंठाल, तेलीवाड़ा, आगररोड पर ट्रैफिक लोड कम हो जाएगा। क्षेत्र के रहवासियों को सुविधा मिलेगी। व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी। तीर्थ यात्रियों को सुविधा मिलेगी। यह प्राचीन शहर का प्रमुख मार्ग था, इसका पुराना वैभव फिर लौट सकता है।
किसी को बेघर नहीं करेंगे
जिनके पूरे मकान जा रहे हैं उन्हें पीएम आवास या निगम की मल्टियों में मकान दिए जाएंगे। इस मार्ग का चौड़ीकरण जरूरी है। सभी लोग तैयार हैं। अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। जल्दी काम शुरू कराएंगे। पारस जैन, ऊर्जा मंत्री (विधायक उज्जैन उत्तर)
केडी गेट-अंकपात मार्ग चौड़ीकरण को लेकर चर्चा हुई है। अभी परिषद में मंथन करेंगे। सभी की सहमति से निर्णय लिया जाएगा। डॉ. विजयकुमार जे, निगमायुक्त