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कोरोना के लिए भोपाल में तैयार हो रहे उज्जैन के डॉक्टर्स
चिरायू हॉस्पिटल, भोपाल में स्टॉफ नर्स, वार्ड ब्वॉय और स्वच्छक का चल रहा प्रशिक्षण
उज्जैन:कोरोना वायरस से संक्रमितों का उपचार कैसे करें, उनकी देखभाल कैसे करें, उनके उपचार में सामने आने वाले लक्षणों पर किसप्रकार से दवाई का उपयोग करें, उनके लिए तात्कालिक रूप से किन-किन फैकल्टी के चिकित्सकों की सेवा लगेगी, यह निर्णय तत्काल कैसे करें और मरीज को ठीक करके घर भेजे, इन बातों को लेकर राज्य शासन के निर्देश पर उज्जैन के आठ लोगों का एक दल चिरायू हॉस्पिटल,भोपाल में प्रशिक्षण ले रहा है।
12 मई से चल रहे प्रशिक्षण का समापन 18 मई को होगा। यह दल 19 मई को उज्जैन आएगा। तब तक डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, माधवनगर प्रारंभ होने की स्थिति में रहेगा। जब कोरोना संक्रमितों को माधवनगर अस्पताल में पूरी तरह से रखा जाने लगेगा, तब तक ये दल अपने उज्जैन के अन्य समकक्ष डॉक्टर्स, स्टॉफ नर्स, वार्ड ब्वॉय, स्वच्छकों को प्रशिक्षित करेंगे। ऐसा होने पर एक पूरी प्रशिक्षित टीम उज्जैन में उपलब्ध हो जाएगी। यह टीम आनेवाले समय में कोरोना संक्रमितों के ठीक होने का न केवल प्रतिशत बढ़ाएगी,बल्कि डेथ रेट को भी कम करेगी।
राज्य शासन के निर्देश पर चिरायू हॉस्टिपल, भोपाल में इस समय उज्जैन के अलावा खरगोन की भी एक टीम काम कर रही है। प्रशिक्षण ले रही टीम में उज्जैन से गए सदस्यों में डॉ.नरेन्द्र डोडिया और डॉ.संजीव कुमरावत, स्टॉफ नर्स मनीषा साहु और अमिता गांगुली, वार्ड ब्वॉय आर्थर पॉल और रामचंद्र, स्वच्छक अशोक पांचूलाल और भगवान गणपत शामिल है। वार्ड ब्वॉय और स्वच्छकों का प्रशिक्षण आज से प्रारंभ होगा। वहीं डॉक्टर्स एवं स्टॉफ नर्स का प्रशिक्षण लगातार चल रहा है।
अत्याधुनिक हॉस्पिटल बनेगा माधवनगर
डॉ. डोडिया ने बताया कि शाम.माधवनगर हॉस्पिटल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाया जा रहा है। यहां सारे आधुनिक उपकरणों का इंतजाम सरकार करेगी और आनेवाले समय में यह हॉस्पिटल पूर्ण रूप से कोविड का अत्याधुनिक हॉस्पिटल बनेगा। इसी क्रम में उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। प्रशिक्षण के दौरान बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित मरीज आता है तो उसके लक्षणों में किस प्रकार से परिवर्तन होते चले जाते हैं।
92 प्रतिशत मरीज स्वस्थ होकर ऐसे लौट रहे घर
डॉ. डोडिया के अनुसार चिरायू अस्पताल में भर्ती होनेवाले कोरोना पॉजीटिव्ह मरीजों के स्वस्थ होकर घर लौटने का प्रतिशत 92 है। यहां प्रशिक्षण के दौरान सिखाया जा रहा है कि कोरोना पॉजीटिव मरीज को उपचार देते समय लक्षणों के आधार पर फैकल्टीज का तत्काल उपयोग कैसे करना है।
कोविड के लिए अभी तक था ही नहीं माधवनगर हॉस्पिटल
चिरायू हॉस्पिटल के एक चिकित्सक ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर इस प्रतिनिधि को बताया कि जब माधवनगर हॉस्पिटल को लेकर जानकारी एकत्रित की गई। अभी तक मरीजों के उपचार को लेकर जो तथ्य सामने आए, उस आधार पर यह कहा जा सकता है कि अभी तक माधवनगर हॉस्पिटल, उज्जैन कोविड-19 के उपचार के लिए था ही नहीं। न तो वहां व्यवस्थाएं थी, न ही इस बीमारी के लिए प्रशिक्षित अमला था। हाई फ्लो ऑक्सिजन जैसी बेसिक नीड की कमी बताती है कि डेथ रेट में ऐसे कारण भी शामिल रहे,जो किसी हॉस्पिटल की पहली आवश्यकता रहती है।