क्वारेंटाइन क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी स्वास्थ्य को लेकर चिंतित

उज्जैन।पुलिस विभाग में भी यह संभवत: पहला ही अवसर होगा जब किसी वायरस की वजह से एक माह से अधिक समय तक शहर की सड़कों पर कफ्र्यू लगाने के साथ लगातार ड्यूटी करना पड़ रही हो।

खास बात यह कि बिना दिखने वाले जानलेवा दुश्मन से लड़ाई और लोगों को बचाने की मेहनत के बीच ऐसे चिन्हित इलाके जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कोरेंटाइन घोषित कर दिया गया हो वहां लगातार ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी अब अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं।

देश में लॉकडाउन और शहर में कफ्र्यू के आदेश जारी होते ही पूरा पुलिस महकमा अपनी ड्यूटी निभाने सड़कों पर उतर चुका था। लोगों को घरों में रहने, नियमों का पालन करने से लेकर डॉक्टरों, नगर निगम कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था के साथ कोरोना संक्रमित लोगों को घर से अस्पताल तक पहुंचाने, उनके निवास और आसपास के क्षेत्र को क्वारेंटाइन करने के साथ लोगों के इस क्षेत्र से बाहर न निकलने के लिये निगरानी करने की ड्यूटी भी पुलिसकर्मी ही कर रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा अब तक चौराहों, चैकिंग पाइंट और क्वारेंटाइन क्षेत्रों में ड्यूटी करने वाले प्रत्येक पुलिसकर्मी को न तो हैंड ग्लब्ज, अच्छी क्वालिटी के मास्क, सेनेटराइजर आदि वायरस से बचाव के लिये जरूरी उपकरण तक उपलब्ध नहीं कराये गये हैं।

नाम न छापने की शर्त पर क्वारेंटाइन क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने बताया कि लंबे समय से इन क्षेत्रों में लगातार ड्यूटी करते रहने से अब स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो रही है। पारिवारिक और मानसिक स्थिति भी बिगड़ रही है। आज तक इतनी लंबी ड्यूटी का अनुभव भी नहीं है।

अभी यह मिल रही सुविधा
लॉकडाउन और कफ्र्यू का पालन कराने के लिये सड़कों और कोरेंटाइन क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे पुलिस अधिकारी व जवानों के लिये विभाग द्वारा गर्म पेयजल, इम्यूनिटी बढ़ाने वाला काढ़ा, चाय, नाश्ता, भोजन पैकेट दिये जा रहे हैं, जबकि कुछ पुलिसकर्मियों को च्यवनप्राश के डिब्बे भी दिये गये हैं। स्वास्थ्य परीक्षण के लिये पुलिस लाइन में व्यवस्था की गई है।

लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान आवारा मवेशियों के लिए घास की भी व्यवस्था कर रहे।

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