चरक अस्पताल:20 बेड के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती, इंफेक्शन का खतरा

चरक अस्पताल में संचालित नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में एक इनक्यूबेटर पर दो बच्चों को भर्ती रखकर इलाज किया जा रहा है। ऐसे में बच्चों में इंफेक्शन का खतरा बना हुआ है, बावजूद इसके दूसरे कोई इंतजाम नहीं है।

एसएनसीयू 20 बेड का है, जहां क्षमता से अधिक बच्चे भर्ती हैं। चरक अस्पताल में उज्जैन जिले सहित आसपास के जिलों से गंभीर बच्चे रैफर होकर आते हैं। बुधवार को ही चरक के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती मिले। 7 या 8 माह में जन्मे बच्चे या जन्म के साथ ही सांस या अन्य बीमारी होने के चलते यहां भर्ती रखा जा रहा है।

बारिश में बीमार बच्चों की संख्या और बढ़ सकती है। सिंहस्थ-2016 में बनाए चरक अस्पताल में 20 बेड का एसएनसीयू बनाया था। इसमें इतनी ही क्षमता को ध्यान में रखकर संसाधन भी उपलब्ध करवाए गए लेकिन अब बीमार बच्चों का आंकड़ा दाेगुना हो गया है। ऐसे में स्टाफ और संसाधन भी कम पड़ने लगे हैं।

आसपास के गंभीर बच्चों को उज्जैन रैफर किया जाता है। इसे ध्यान में रखकर अस्पताल प्रशासन ने इंतजाम नहीं किए हैं। वर्तमान में एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती हैं, यदि बीमार बच्चों की संख्या आने वाले दिनों में बढ़ती है तो यहां से गंभीर या अति गंभीर बच्चों को रैफर करना पड़ सकता है। प्राइवेट अस्पताल के एसएनसीयू में एक दिन के इलाज के ही करीब 5 से 7 हजार रुपए का खर्च आता है।

क्षमता और मापदंड के तहत ही बच्चों को भर्ती किया जा सकता

चिकित्सकीय विशेषज्ञों का कहना है यूनिट की जितनी क्षमता निर्धारित रहती है, उसके अनुरूप बच्चों को भर्ती करना होता है, क्योंकि क्षमता से अधिक बच्चों को भर्ती रखे जाने पर उनमें इंफेक्शन का खतरा तो रहता ही है, संसाधनों और स्टाफ की भी कमी होने लगती है। एक बच्चे को इंफेक्शन होने पर पास में भर्ती दूसरे बच्चे में भी इंफेक्शन हो सकता है।

एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती

चरक में उज्जैन जिले सहित आसपास के जिलों से गंभीर बच्चे रैफर होकर आते हैं। 20 बेड के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती है।
डॉ. दिलीप वास्के, प्रभारी एसएनसीयू

Leave a Comment