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जानिए कोरोना से लडऩे उज्जैन में रोज कितनी दवा का हो रहा उपयोग
कोरोना से लडऩे गलियों में चल रहे 6 बड़े और 8 छोटे वाहन, प्रतिदिन २ हजार लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइड की खपत हो रही
कभी कागजों पर फॉगिंग मशीन चलाने के आरोप झेलने वाले नगर निगम ने इन दिनों कोरोना वायरस से लडऩे के लिए खासी ताकत झोंक रखी है। वार्डों को सेनेटाइज करने लिए रोज सुबह से रात तक वार्डों में ट्रेक्टर-टेंकर दौड़ रहे हैं। एक दर्जन से अधिक वाहन और ५० से अधिक कर्मचारियों के जरिए रोज शहर में औसत ४० हजार लीटर दवा के घोल का छिड़काव किया जा रहा है।
कोरोना से लडऩे के लिए नगर निगम मुख्य बाजारों के साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में प्रतिदिन सोडियम हाइपोक्लाराइड के मिश्रण का छिड़काव कर रहा है। तीन-चार दिनों से दवा की मात्रा व छिड़काव में और बढ़ोतरी की गई है। प्रतिदिनि १० घंटे से अधिक समय तक छोटे-बड़े वाहन चलाकर दवा छिड़काव किया जा रहा है। निगम अधिकारियों का दावा है कि प्रतिदिन औसत 40 हजार लीटर दवा के घोल का छिड़काव हो रहा है। इसमें अधिकांश छिड़काव वार्डों के मुख्य बाजार और रिहायशी क्षेत्रों में हो रहा है। इधर दवा छिड़काव को लेकर रहवासियों की मांग भी बढऩे लगी है। निगम अधिकारी व पार्षदों के पास रोज दर्जनों फोन सिर्फ दवा छिड़काव को लेकर ही पहुंच रहे हैं।
नागदा से मंगवा रहे सोडियम
शासन के निर्देश पर शहर में सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल का छिड़काव किया जा रहा है। सामान्य घोल तैयार करने के लिए 20 लीटर सादे पानी में एक लीटर सोडियम हाइपोक्लाराइड मिलाया जाता है। शहर को सेनेटाइज करने के लिए प्रतिदिनि औसत करीब २ हजार लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइड की खपत हो रही है। इसके आपूर्ति नागदा ग्रेसीम से जा रही है। निगम ने कुछ दिन पूर्व से ही सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल का छिड़काव शुरू किया है। इससे पूर्व अन्य दवा का छिड़काव होता था।
हर जोन में 5 हजार लीटर का टेंकर
दवा छिड़काव के लिए निगम 5-5 हजार लीटर के 6 बड़े टेंकर व 500-500 लीटर के 8 छोटे टे्रक्टर टंकी का चला रहा है। प्रत्येक जोन में एक बड़ा टेंकर दिया गया है। बड़े टेंकर जहां दिन में औसत एक राउंड लगा रहे हैं वहीं छोटे वाहन चार से पांच फेरी लगा लेते हैं। इस तरह रोज ४० हजार लीटर से अधिक की दवा घोल का छिड़काव हो रहा है।
इनका कहना
निर्देशानुसार पूरे शहर में सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल का छिड़काव किया जा रहा है। टीम सतत रूप से इस कार्य में लगी है। प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक क्षेत्र में दवा का छिड़काव हो सके।
– संजेश गुप्ता, उपायुक्त नगर निगम