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टॉयलेट कम कैफे:उज्जैन में अब 10 रुपए में वातानुकूलित TOILET का उपयोग कर सकेंगे, कॉफी-चाय मुफ्त मिलेगी
उज्जैन में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अब लोगों को ऐसी सुविधा मिलने जा रही है, जहां उन्हें तरोताजा होने के बाद मुफ्त में कॉफी या चाय भी मिलेगी। सुनने में अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। उज्जैन नगर निगम ने ऐसे टॉयलेट का निर्माण किया है, जहां लोगों को 10 रुपए में दिन में एक बार शौच और दो बार लघुशंका करने की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ मुफ्त में एक कॉफी या एक चाय या टिकट की कीमत के बराबर खाद्य सामग्री खाने को मिलेगी।
यह स्मार्ट टॉयलेट निगम ने नानाखेड़ा बस स्टैंड पर बनाया है। इसे पीपीपी मॉडल पर बनाया गया है। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, पूर्व विधायक राजेंद्र भारती, पूर्व महापौर मीना जोनवाल व निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने रविवार को स्मार्ट टॉयलेट का लोकार्पण किया। निगमायुक्त ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में शहर को उत्कृष्ट स्थान दिलाने और महाकाल मंदिर में देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए इसका निर्माण कराया गया है।
सुबह पांच से रात 10 बजे तक कर सकेंगे इस्तेमाल
आयुक्त सिंघल ने बताया कि टॉयलेट का उपयोग सुबह 05 से रात 10 बजे तक किया जा सकेगा। इसके लिए 10 रुपए के टिकट लेना होगा। संचालन के लिए 10 साल के लिए भोपाल की एक कंपनी के साथ अनुबंध किया गया है। इसमें वातानुकुलित शौचालय, मूत्रालय व स्नानागार हैं। उपभोक्ता उक्त टिकट से 24 घंटे में कभी भी चाय/कॉफी अथवा खाद्य सामग्री कैफे से ले सकेंगे। यानि शौचालय व मूत्रालय के साथ कॉफी या चाय मुफ्त मिलेगी।
ऑटोमैटिक है शौचालय की सीट, एप से मासिक पास की सुविधा भी
स्मार्ट टॉयलेट ऑटोमैटिक है। शौचालयों की सीट खुद ब खुद खुलती है। उपयोग करने के बाद खुद ही फ्लश होकर बंद हो जाएगा। स्मार्ट शौचालय के उपयोग के लिए मोबाइल एप से भी मासिक पास की सुविधा रहेगी। इससे जनता के साथ ही बस स्टेशन व्यावसायिक क्षेत्र के व्यापारियों को स्वच्छ शौचालय के साथ ही चाय, काफी की सुविधा मिलेगी।
दिव्यांगों व महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था
स्मार्ट टॉयलेट में महिला, पुरुष व दिव्यांगों के लिए अलग से एक-एक शौचालय है। टॉयलेट को कैफे के पीछे के हिस्से में बनाया गया है, ताकि शौचालय का उपयोग करने में झिझक नहीं होगी। स्मार्ट कैफे में चाय काॅफी के अलावा पानी की बोतल, बेकरी के सामान व अन्य खाद्य सामग्रियां मिलेंगी। स्मार्ट शौचालय में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का प्रावधान है। शौचालय से निकलने वाले अपशिष्ट को ट्रीट किया जा सकेगा। शौचालयों में कभी भी दुर्गंध नहीं रहेगी।