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तीन दिनों में 600 क्विंटल गेहूं का दान आया
उपज बेचने की चिंता फिर भी दान देने में आगे जिले के किसान
जिले के किसानों को अपनी उपज बेचने की चिंता जरूर है परंतु इसके बाद भी किसान दान देने में आगे आ रहे हैं। यह दान नकदी रूप में नहीं है परंतु किसान गेहूं का दान मुक्त हस्त से करने में आगे आ रहे हैं।
इसका उदाहरण बीते तीन दिनों में ६०० क्विंटल से अधिक दान में आया गेहूं है। इस गेहूं को मंडी समिति ने किसानों के माध्यम से ही मक्सी रोड उद्योगपुरी स्थित आटा मिल में पहुंचाया है, जहां मंडी समिति के कर्मचारी आटे के पैकेट्स तैयार करने में जुटे हुए हैं।
मंडी समिति से संपर्क कर रहे
गेहूं दान देने वाले किसान मंडी समिति पदाधिकारियों से लगातार संपर्क कर रहे हैं। आगामी दो दिनों के भीतर भी बड़ी मात्रा में गेहूं दान में आने की उम्मीद जताई गई है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने यह आदेश दिए है कि गेहूुं उपज की खरीदी १५ अप्रैल से शुरू होगी परंतु यह खरीदी उज्जैन में नहीं हो सकेगी। बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण गरीब और बेसहारा लोगों को पेट भरने के लिए जिला प्रशासन के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आई हैं।
इसी तारतम्य में जिले के किसान भी आगे आकर गेहूं का दान करने में जुटे हुए हैं। मंडी समिति के अधिकारियों ने बताया कि किसानों का यह कहना है कि वे नकदी तो दान में नहीं दे सकते हैं लेकिन वे गेहूं दान में देने के लिए कोताही नहीं बरतेंगे। समिति अधिकारी भी किसानों को दान देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है और इसका परिणाम सामने भी आ रहा है।
मंडी को प्रशासन के आदेश का इंतजार –
मंडी समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार आटा मिल में मंडी के दो कर्मचारियों को आटे के दस-दस किलो के पैकेट्स तैयार करने में लगाया गया है। इनके द्वारा ही गेहूं की तुलाई भी की जा रही है। पैकेट्स तैयार कर रख लिये गये हैं और अब जिला प्रशासन के आदेश का इंतजार है ताकि इन पैकेट्स को बांटा जा सके। वैसे भी दान में गेहूं देने वाले किसान लगातार संपर्क कर रहे हैं इसलिए तैयार पैकेट्स को खपाना जल्द ही जरूरी है।
गांवों से ट्रॉलियां आ रही–
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के गांवों से ट्रॉलियों में भरकर गेहूं आ रहे है। मंडी समिति द्वारा गांवों के नाम नोट किये जा रहे हैं और ट्रॉली लाने वाले किसानों को सीधे आटा मिल पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
इनका कहना है–
किसान गेहूं दान देने के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं। दस-दस किलो आटे के पैकेट्स तैयार कर लिए गए हैं तथा जिला प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश पर इनका उपयोग किया जाएगा। आटे के साथ ही तेल के पाउच, मिर्च मसाले आदि भी भोजन किट्स में रखे जा रहे हैं। दो कर्मचारियों को मिल में काम पर लगाया गया है। – जी. सोनगरा, सचिव, कृषि उपज मंडी