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थ्री स्टार रेटिंग के लिए नगर निगम ने प्रस्ताव शासन को भेजा
उज्जैन। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित स्वच्छ भारत अभियान में उज्जैन शहर को थ्री स्टार रेटिंग में स्थापित करने के लिये शासन के निर्देशानुसार व्यवस्थाएं जुटाकर नगर निगम द्वारा प्रापोजल तैयार करने के बाद शासन को भेजा है। इस बार पुराने सफाई मानकों के अलावा अन्य कार्यों को भी जोड़ा गया है जिसे समय सीमा में नगर निगम द्वारा पूर्ण कर लिये जाने के बाद दिल्ली की स्वच्छता सर्वे टीम परखेगी और देश के अन्य शहरों से उज्जैन का मुकाबला थ्री स्टार रेटिंग के लिये होगा।
नंबर की जगह स्टार रेटिंग
दिल्ली के स्वच्छता अधिकारियों द्वारा शहरों का दौरा का वस्तु स्थिति का निरीक्षण करने के बाद शहरों को अलग-अलग स्तर पर नंबर दिये जाते थे, लेकिन इस वर्ष केन्द्र शासन द्वारा नंबरों का सिस्टम खत्म करते हुए स्टार रेटिंग की व्यवस्था की है जिसके अंतर्गत 1, 2, 4 स्टार रेटिंग का परीक्षण प्रदेश शासन द्वारा किया जायेगा जबकि 3, 5 और 7 स्टार रेटिंग का परीक्षण दिल्ली की टीम करेगी।
कंस्ट्रक्शन वेस्ट का निष्पाद
नगर निगम सीमा में बनने वाले मकानों के कंस्ट्रक्शन वेस्ट का निष्पादन तुरंत किया जायेगा। निर्माण करने वाले व्यक्ति द्वारा स्वयं के व्यय से इसका निष्पादन किया जायेगा और यदि उसके द्वारा बिल्डिंग मटेरियल नहीं हटवाया जाता तो नगर निगम की टीम सशुल्क यह कार्य करेगी। इसके लिये जुर्माने का प्रावधान भी है। खास बात यह कि नगर निगम द्वारा अब तक कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग मटेरियल नहीं हटाने वालों से 4 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना वसूल भी किया जा चुका है।
सब्जी का कचरा
शहर की सब्जी मंडियों, हाट बाजारों से निकलने वाले कचरे का एक स्थान पर कलेक्शन कर उसका विनिष्टकरण और उपयोग दोनों किया जायेगा। इसके लिये नगर निगम द्वारा मक्सीरोड़ पर प्लांट भी तैयार किया गया है। यहां करीब 5 टन सब्जियों का कचरा कलेक्ट करने के बाद उससे बिजली का उत्पादन किया जायेगा साथ ही वेस्ट को खाद के रूप में उपयोग किया जायेगा। मक्सी रोड पर इसके तहत कार्य भी प्रारंभ हो चुका है और मंडियों से कचरा कलेक्शन किया जा रहा है।
सेप्टिक टैंक वेस्ट से खाद निर्माण
नगर निगम सीमा अंतर्गत आने वाले घरों के सेप्टिक टैंक से निकलने वाले वेस्ट का ट्रीटमेंट कर उससे खाद का निर्माण कराया जाना है। इसके अंतर्गत दो प्लांट तैयार किये जा रहे हैं। खास बात यह कि एक प्लांट सदावल में तैयार हो चुका है। नगर निगम द्वारा सेप्टिक टैंक की सफाई सशुल्क की जाती है और अब तक इसके वेस्ट को कहीं भी डाल दिया जाता था लेकिन अब इसे ट्रीटमेंट प्लांट पर पहुंचाकर खाद तैयार की जायेगी। दूसरे प्लांट का निर्माण कार्य भी जारी है।
वाटर बॉडी की सफाई
शहर में स्थित नदी और तालाबों को वाटर बॉडी में शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत शिप्रा नदी, घाटों की सफाई, पानी की गुणवत्ता का स्तर सुधारना शामिल है वहीं नगर निगम सीमा में पौराणिक महत्व के सप्त सागर भी आते हैं जिन्हें वाटर बॉडी में शामिल किया गया है। इन सागरों में स्टोर पानी की सफाई का कार्य भी थ्री स्टार रेटिंग के लिये किया जायेगा। फिलहाल उंडासा और साहिबखेड़ी तालाबों का पानी शहर में पेयजल सप्लाय के उपयोग में लिया जाता है।
पिछले स्तर को भी रखना होगा कायम
नगर निगम द्वारा पूर्व में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत शहरों के बीच हुई काम्पीटीशन में 17 वां स्थान प्राप्त किया था। इसके अंतर्गत दिल्ली की टीम द्वारा डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, खुले में शौच मुक्त शहर, गीला कचरा, सूखा कचरा, कमर्शियल इलाकों में दो समय और रहवासी क्षेत्रों में एक समय सफाई आदि को आधार बनाकर अंक दिये गये थे। थ्री स्टार रेटिंग के लिये उक्त कार्यों को भी कायम रखना होगा।