दो दिन में 15 हजार लीटर आरओ जल से महाकाल का अभिषेक

उज्जैन। महाशिवरात्रि पर मंगलवार और बुधवार को विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 25 हजार लीटर आरओ जल का उपयोग हुआ। इसमें 15 हजार लीटर पानी भगवान के अभिषेक के लिए इस्तेमाल किया गया। वहीं 10 हजार लीटर जल पीने के काम में आया।

बता दें कि शिवलिंग क्षरण मामले के बाद एक्सपर्ट कमेटी ने आरओ पानी से शिवलिंग के अभिषेक की अनुशंसा की थी। इसके बाद पिछले साल नवंबर से राजाधिराज का अभिषेक आरओ के पानी से होने लगा। महाशिवरात्रि पर इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई थी।

8 स्थानों पर सप्लाय

मंदिर में महानिर्वाणी अखाड़े के महंत निवासी के समीप अभिषेक के जल के लिए विशेष पॉइंट दिया गया था। यहां 200-200 लीटर की दो टंकियां रखी गई थीं। इनमें से श्रद्धालु लोटे में जल भरकर ले गए। इसके अलावा पीने के लिए 7 स्थानों पर पानी सप्लाय किया गया। इनमें कंट्रोल रूम, शहनाई गेट, सत्कार शाखा, फेसिलिटी सेंटर तथा परिसर में तीन स्थानों पर प्याऊ लगाए गए थे।

हर घंटे 2 हजार लीटर शुद्ध पानी

जलकार्य समिति प्रभारी व सहायक प्रशासक सतीश व्यास ने बताया कि मंदिर समिति ने फेसिलिटी सेंटर के नजदीक बड़ा आरओ प्लांट लगा रखा है। इसकी क्षमता प्रति घंटे 2 हजार लीटर पानी शुद्ध करने की है। महाशिवरात्रि पर इसका पूरी क्षमता से उपयोग किया गया। आरओ से निकले वेस्ट पानी का उपयोग परिसर में ही उद्यान की सिंचाई के लिए किया गया। महाशिवरात्रि पर दो दिन में अभिषेक के लिए 15 हजार लीटर और पीने के लिए 10 हजार लीटर आरओ के पानी का उपयोग हुआ।

अब कोटितीर्थ के जल से अभिषेक

देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु कोटितीर्थ कुंड के आरओ जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर सकें, इसके लिए मंदिर समिति ने कुंड के नजदीक ही एक नया आरओ प्लांट स्थापित किया है। व्यास ने बताया कि अगले सप्ताह से प्लांट शुरू हो जाएगा। शुद्ध पानी के स्टोरेज के लिए 1 हजार लीटर की टंकी तथा पाइप मंगाए गए हैं। एक दो दिन लाइन बिछाने का कार्य शुरू हो जाएगा।

यहां मिलेगा कोटितीर्थ का जल

कोटितीर्थ से पाइप लाइन के जरिए शुद्ध पानी नंदी हॉल के समीप और परिसर स्थित नवगृह मंदिर के पास मिल सकेगा। इसके लिए दो पॉइंट निर्धारित किए गए हैं। ये वह स्थान हैं, जहां से आम दर्शनार्थी लाइन से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करते हैं।

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