- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
नकली भवन अनुज्ञा पत्र देकर बिल्डर ने की धोखाधड़ी
मकान मालिक को नगर निगम का नोटिस आया तो हुआ खुलासा
उज्जैन। बिल्डर ने भवन अनुज्ञा पत्र फर्जी तरीके से तैयार कर लोगों को मकानों का विक्रय कर दिया। नगर निगम अफसरों ने मकान मालिकों को नोटिस जारी किया तो खुलासा हुआ। इसके बाद ठगाये लोगों ने चिमनगंज थाने पहुंचकर 420 के तहत प्रकरण दर्ज कराया है। पुलिस ने बताया सौरभ पिता रमेशचंद्र सोलंकी निवासी गायत्री नगर आगर रोड ने 2020 में बिल्डर प्रेमनारायण पिता नानूराम विश्वकर्मा निवासी दुर्गा कॉलोनी ईदगाह रोड से 14 लाख 25 हजार रुपये में मकान खरीदा था।
इस दौरान प्रेमनारायण ने सौरभ सोलंकी को नगर निगम द्वारा जारी होने वाला भवन अनुज्ञा पत्र भी सौंपा था। विगत 2 जुलाई को नगर निगम ने सूचना पत्र जारी कर सौरभ सोलंकी से भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र की जानकारी चाही गई। सौरभ ने उक्त जानकारी नगर निगम को दी तो अफसरों ने पाया कि यह भवन अनुज्ञा पत्र नकली है। इस पर अफसरों ने सौरभ को नोटिस दिया। सौरभ ने बिल्डर प्रेमनारायण से पूछताछ की तो पता चला कि बिल्डर ने नकली भवन अनुज्ञा पत्र देकर उसे मकान बेचा था।
गायत्री नगर के दूसरे लोग भी ठगाये
सौरभ सोलंकी ने बिल्डर प्रेमनारायण विश्वकर्मा के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ पुलिस को बताया कि बिल्डर से कई लोगों ने मकान व प्लाट खरीदे थे और उन्हें भी बिल्डर ने फर्जी भवन निर्माण अनुज्ञा पत्र देकर सौदा किया था। इस प्रकार बिल्डर ने अनेक लोगों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी की है।
सौरभ सोलंकी ने बिल्डर प्रेमनारायण विश्वकर्मा के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ पुलिस को बताया कि बिल्डर से कई लोगों ने मकान व प्लाट खरीदे थे और उन्हें भी बिल्डर ने फर्जी भवन निर्माण अनुज्ञा पत्र देकर सौदा किया था। इस प्रकार बिल्डर ने अनेक लोगों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी की है।