- उज्जैन में मुन्ना भाई MBBS की गैंग सक्रिय! 10वीं-12वीं प्री-बोर्ड के पेपर 2 घंटे पहले लीक, सोशल मीडिया पर हुए वायरल; शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल।
- मदिरा प्रेमियों को बड़ा झटका! मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थलों पर जल्द लागू होगी शराबबंदी, CM यादव ने की घोषणा
- मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का स्थापना दिवस आज, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दी बधाई...
- भस्म आरती: भगवान महाकाल का पंचामृत कर सालासर बालाजी स्वरूप में किया गया दिव्य श्रृंगार!
- धार्मिक नियमों की उड़ाई धज्जियाँ! महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा चूक: युवक ने बिना अनुमति गर्भगृह में प्रवेश किया, शिवलिंग को किया नमन...
महाकाल की भस्म आरती, श्रद्धालु एक महीने पहले कहीं से भी करवा सकेेंंगे बुकिंग
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से मंदिर में देश-विदेश से आने वाले आम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर की वेबसाइट से एक माह पूर्व ऑनलाइन भस्म आरती की बुकिंग सुविधा प्रदान की जा रही है। भक्त एक माह पहले से अपना स्थान बुक करा लेंगे, ताकि मंदिर आने पर कोई परेशानी न हो। इस व्यवस्था के तहत समिति द्वारा 300 सीट बढ़ाई गई हैं।
ऑनलाइन बुकिंग में पूर्व में 400 सीट श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध थी। पूर्व में उसमें 100 सीट की वृद्धि की गई थी। प्रशासक एसएस रावत ने बताया मंदिर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए 300 सीट और बढाऩे के बाद अब प्रतिदिन 800 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
महाकाल मंदिर समिति के खजाने में प्रतिमाह होगी 24 लाख रुपए की आय
भस्म आरती की ऑनलाइन सुविधा श्रद्धालुाओं के लिए बेहतर एवं पारदर्शी है, देश-विदेश में कहीं से भी श्रद्धालु घर बैठे एक माह पूर्व अपनी यात्रा तय कर उपयुक्त समयानुसार भस्म आरती की अनुमति प्राप्त कर सकते हैं। इस व्यवस्था से जहां आम श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा होगी, वहीं भगवान महाकाल के खजाने में 100 रुपए प्रति व्यक्ति के मान से 80 हजार रुपए प्रतिदिन की आय समिति को होगी। इस हिसाब से 24 लाख रुपए प्रतिमाह की आय भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग से प्राप्त होगी।
महाकाल मंदिर के शिखर का ध्वज बदला
दशहरा पर्व के दिन परंपरानुसार बाबा महाकालेश्वर मंदिर के शिखर की ध्वजा बदली गई। तहसील की ओर से मंदिर के शिखर बदले जाने वाले ध्वज का पूजन मंदिर परिसर स्थित महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा संपन्न किया गया। इस अवसर पर संध्याकालीन आरती के दौरान भगवान महाकाल के होल्कर (मुखारविंद) स्वरूप में दर्शन हुए।
कार्तिक-अगहन माह की सवारी 4 नवंबर को
सावन-भादौ और दशहरे के बाद भगवान महाकाल कार्तिक एवं अगहन माह में फिर प्रजा को दर्शन देंगे। कार्तिक-अगहन में निकलने वाली सवारियों के क्रम में प्रथम सवारी 4 नवंबर, दूसरी 11 नवंबर, तीसरी 18 नवंबर तथा शाही सवारी 25 नवंबर को निकाली जाएगी। हरिहर मिलन की सवारी रविवार 10 नवंबर को निकलेगी।