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महाकाल के आंगन में महायोग:अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर महाकाल मंदिर परिसर में शिव को योग रूपी नमन
उज्जैन। अंतराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को श्री महाकालेश्वर मंदिर के आंगन में महायोग हुआ। सुबह निर्धारित समय पर मंदिर दर्शन को आए श्रद्धालु भी योग में लीन नजर आए। वहीं शिप्रा किनारे हुए आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों ने स्वस्थ्य रहने का मूल मंत्र के साथ योग की क्रियाओं को दोहराया। 21 जून को इस वर्ष आठवां योग दिवस पर श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में चहल-पहल दिखाई दी। श्रद्धालु दर्शन कर रहे थे तो वहीं मंदिर परिसर में श्रद्धालु और कर्मचारियों ने सुबह साढ़े छह बजे योग की विभिन्न आसन कर स्वस्थ रहने का संदेश दिया। इसी तरह शिप्रा के रामघाट पर भी योग दिवस पर बड़ी संख्या में लोगों ने एकत्रित होकर सामूहिक योगासन किया। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदेश के 75 स्थानों पर योग के विशेष सत्र आयोजित किए गए। इनमें पुरातत्व स्थल, नदियों के घाटों और प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के साथ ही उज्जैन में महाकाल मंदिर व प्रदेश के अन्य शहर शामिल रहे।
योग दिवस की थीम मानवता के लिए योग
इस वर्ष के योग दिवस की मुख्य थीम मानवता के लिए योग रही। आधुनिक समय में योग का विशेष महत्व है। इससे जीवन में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है। दैवीय काल से योग किया जाता रहा है। इसके जनक महर्षि पतंजलि हैं। 21 जून को दुनियाभर में योग किया जाता है। व्यक्ति योग को अपने जीवन में धारण कर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकता है। खासकर तनाव को दूर करने के लिए यह रामबाण दवा है। योग विशेषज्ञ हमेशा स्वस्थ रहने के लिए रोजाना योग करने की सलाह देते हैं।
पहला योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया
पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था। जिसके बाद प्रति वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ रहने के लिए योग के फायदे के प्रति जागरूक करना है। सनातन धर्म के अनुसार, एक साल में दो आयन होते हैं। इसमें पहला उत्तरायण है, जबकि दूसरा दक्षिणायन है। 21 जून से सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। इस समय से दिन छोटे होने लगते हैं, जबकि रातें बड़ी होने लगती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इन दिनों में भौतिक विलासता यथा शीघ्र पूरी होती है। 21 जून को सबसे बड़ा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है।